बाढ़ से पहले युद्धस्तर पर तैयारी: उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम
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उत्तर प्रदेश सरकार ने मानसून के आगमन से पहले बाढ़ की रोकथाम के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने ₹200 करोड़ की लागत से विभिन्न बाढ़-संरक्षण परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो खास तौर पर संवेदनशील ज़िलों में लागू की जाएंगी। इन ज़िलों में गोरखपुर, श्रावस्ती, अमेठी, सीतापुर, आज़मगढ़, गाज़ीपुर और बुलंदशहर जैसे इलाके शामिल हैं, जहां हर साल बाढ़ का खतरा अधिक रहता है।

क्या है योजना का मुख्य उद्देश्य?
राज्य सरकार की यह पहल राज्य प्रायोजित बाढ़ नियंत्रण योजना और नाबार्ड (NABARD) समर्थित योजनाओं के तहत चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए जाएंगे:
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- RCC (Reinforced Cement Concrete) पिलर्स का निर्माण
- पुराने तटबंधों की मरम्मत और मजबूती
- नदी किनारों पर कटाव रोधी उपाय (Anti-erosion works)
- नए पंपिंग स्टेशनों की स्थापना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ नियंत्रण तैयारियों को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी ज़िलों को निर्देशित किया गया है कि वे तय समयसीमा के भीतर सभी कार्य पूरे करें।
जल संसाधन और सिंचाई विभाग को जिम्मेदारी दी गई है कि मानसून से पहले सभी निर्माण और नियंत्रण उपाय पूरे हों। विभाग के मुख्य अभियंता और प्रमुखों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे कार्यों को युद्ध स्तर पर संपन्न कराएं।
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जिलेवार बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं
गोरखपुर
- ₹57 करोड़ NABARD से वित्तपोषित पंपिंग स्टेशन (मणिराम-डोमिंगढ़ तटबंध, रोहिणी नदी)
- ₹54.51 करोड़ मछलीगांव-अलागतपुर तटबंध पर निर्माण कार्य
- ₹12.50 करोड़ राप्ती नदी के बाढ़ क्षेत्र में RCC पिलर्स
अमेठी
- ₹2.30 करोड़ तीन जल निकासी नालों (अकबरगंज, गुलालपुर, हरकर्णपुर) पर पुराने VRBs को बदलने के लिए
श्रावस्ती
- ₹6.88 करोड़ परसा देहरिया–तिलकपुर तटबंध, राप्ती नदी का बायां किनारा
- ₹7.44 करोड़ खजुआ–झुंझुनिया–अंधरपुरवा तटबंध निर्माण
आजमगढ़
- ₹1.27 करोड़ सरयू नदी के महुला-गढ़वाल तटबंध पर स्लोप पिचिंग
- ₹77 लाख तत्काल जारी किए गए
गाज़ीपुर
- ₹10.90 करोड़ गंगा के किनारों पर कटाव रोकने के लिए
- ₹5.49 करोड़ शेरपुर–सेमरा क्षेत्र में निर्माण कार्य
बुलंदशहर
- ₹1.57 करोड़ गंगा के गजरौला क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा कार्य
- ₹95 लाख की पहली किस्त जारी
सीतापुर
- ₹22.30 करोड़ सरयू नदी के चहलारी घाट–गणेशपुर तटबंध निर्माण के लिए
क्यों ज़रूरी हैं ये उपाय?
उत्तर प्रदेश का भौगोलिक और जलवायु स्वरूप ऐसा है कि हर साल जून से सितंबर के बीच बाढ़ का खतरा बना रहता है। खासकर पूर्वांचल और तराई के ज़िले हर बार प्रभावित होते हैं। बाढ़ से जान-माल की हानि के साथ-साथ किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान होता है। ऐसे में यह योजना:
- लाखों लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
- खेतों में पानी भराव और फसल नष्ट होने की आशंका कम होगी।
- स्थानीय प्रशासन की आपदा प्रबंधन क्षमता में सुधार होगा।
समय पर तैयारी ही बचाव का रास्ता
योगी सरकार की यह पहल न सिर्फ बाढ़ से निपटने की तैयारी है, बल्कि यह ग्रामीण और नदी किनारे बसे लोगों को राहत पहुंचाने का एक रणनीतिक कदम है। अगर सभी परियोजनाएं समय पर पूरी होती हैं, तो इस साल यूपी में बाढ़ से होने वाली तबाही को काफी हद तक रोका जा सकता है।

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