🏏 मैदान में हार, लेकिन दिल में जीत – रोहित ने थामा 14 साल के वैभव का हाथ
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IPL 2025 की एक बड़ी और एक छोटी कहानी – एक ओर मुंबई इंडियंस ने राजस्थान रॉयल्स को 100 रनों से हरा कर प्लेऑफ में टॉप दो पोजिशन लगभग पक्की कर ली, वहीं दूसरी ओर, एक 14 साल का बच्चा अपने IPL सपने के सबसे कठिन दिन से गुज़रा। लेकिन क्रिकेट ने सिर्फ स्कोरबोर्ड नहीं दिखाया, इंसानियत का भी स्कोर बढ़ा दिया।
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📉 RR की हार, MI का दबदबा
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए MI ने 217/2 का पहाड़ खड़ा कर दिया। रोहित शर्मा (53 रन), रयान रिकेल्टन (61 रन), सूर्यकुमार यादव (48)* और हार्दिक पंड्या (48)* ने मिलकर RR के गेंदबाज़ों की कमर तोड़ दी।
RR की बल्लेबाज़ी की शुरुआत ही बिखरने से हुई – पहली ही ओवर में वैभव सूर्यवंशी आउट हो गए। यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, शिमरोन हेटमायर – सभी पावरप्ले में आउट हो गए। बुमराह और चहर ने RR के टॉप ऑर्डर को धराशायी कर दिया। कर्ण शर्मा ने 3/23 के साथ अंत में पूरा काम तमाम कर दिया।
💔 वैभव सूर्यवंशी – एक दो बॉल की चूक, लेकिन हौसलों की जीत
14 साल का ये क्रिकेटर, जिसने पिछले मैच में 35 गेंदों में शतक लगाकर सभी को चौंका दिया था, आज केवल 2 गेंदों में शून्य पर लौट गया। लेकिन मैच खत्म होने के बाद, एक हृदयस्पर्शी दृश्य देखने को मिला।
रोहित शर्मा, जिन्होंने खुद फ्रंट से लीड किया, मैच के बाद वैभव के पास आए, उसकी पीठ थपथपाई और कुछ हौसला भरे शब्द कहे। यह पल कैमरों में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
🎙️ रवि शास्त्री की टिप्पणी ने सबका ध्यान खींचा
पूर्व कोच रवि शास्त्री, जो कमेंट्री कर रहे थे, ने कहा –
“He will learn. Rohit Sharma की बातों में सच्चा लीडर झलकता है। हर MI खिलाड़ी ने वैभव के पास आकर उसके प्रयास की सराहना की। 14 साल की उम्र में शतक लगाना और फिर अगले मैच में शून्य – यही तो खेल है, यही से सीख मिलती है।”
📊 पॉइंट्स टेबल की स्थिति
- MI के पास अब 14 पॉइंट्स हैं, और उनका प्लेऑफ में टॉप दो में रहना तय माना जा रहा है।
- RR सिर्फ 3 जीत के साथ बाहर हो चुका है, CSK के बाद प्लेऑफ से बाहर होने वाली दूसरी टीम बन गई है।
🧠 नजरिया बदलने वाला पल
क्रिकेट केवल रन और विकेट का खेल नहीं है, यह रिश्तों, सीख और जज़्बात का संगम भी है। रोहित शर्मा ने यह साबित कर दिया कि असली कप्तान वो नहीं जो सिर्फ टीम को जिताए, बल्कि वो है जो नवोदित खिलाड़ियों को संवारना जानता है।
मेरा नाम शिव है और मैने SVSU University से बी.एससी. की पढ़ाई पूरी की है और मुझे लेखन में 5 वर्षों का अनुभव है। मैं सामाजिक मुद्दों, तकनीकी विषयों और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषयों पर स्पष्ट, तथ्यपूर्ण लेखन करता हूँ मेरे लिखने का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि पाठकों को सोचने पर मजबूर करना भी है। लेखन में प्रस्तुत सभी जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और इंटरनेट माध्यमों से एकत्र की जाती है। तथ्यों को सही और अद्यतन रखने का प्रयास किया जाता है, किंतु इसकी पूर्ण सत्यता या सटीकता की कोई गारंटी नहीं दी जाती। जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी परिणाम के लिए लेखक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
2 thoughts on “रोहित की थपथपाहट और 14 साल का जज़्बा – क्रिकेट ने दिखाया दिल”