मोदी-पुतिन की दोस्ती फिर सुर्खियों में, ‘विजय दिवस’ पर मिला साथ!

By Shiv

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पुतिन ने स्वीकार किया मोदी का न्योता, भारत-रूस संबंधों पर बोले – बाहरी दबाव का कोई असर नहीं!

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नई दिल्ली/मॉस्को, 5 मई 2025 — भारत और रूस के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ एक बार फिर प्रगाढ़ होती दिख रही है। सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई टेलीफोन वार्ता ने न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी एक स्पष्ट संकेत छोड़ दिया — भारत-रूस रिश्ते बाहरी प्रभावों से अछूते हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस साल होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए दिए गए निमंत्रण को पुतिन ने सहर्ष स्वीकार किया। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान के अनुसार, पुतिन ने मोदी को “अच्छा मित्र” बताते हुए भारत आने की इच्छा जताई।


🕊️ बातचीत का मुख्य सार: भारत-रूस संबंध और आतंकवाद पर एकजुटता

बातचीत में दोनों नेताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत-रूस संबंध किसी भी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होते और निरंतर मज़बूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। साथ ही, विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

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प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को विजय दिवस (Victory Day) की 80वीं वर्षगांठ की बधाई दी — यह दिन द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत विजय की स्मृति में मनाया जाता है। इसके ज़रिए दोनों देशों के ऐतिहासिक सैन्य और रणनीतिक संबंधों को फिर से रेखांकित किया गया।


🔥 पुतिन ने की पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, भारत के साथ खड़ा रूस

मोदी और पुतिन की बातचीत का सबसे संवेदनशील पहलू रहा कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। राष्ट्रपति पुतिन ने इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत को “पूर्ण समर्थन” देने की बात कही।

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, पुतिन ने ज़ोर दिया कि हमलावरों और उनके समर्थकों को अवश्य सज़ा मिलनी चाहिए। यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है।


📞 रूसी विदेश मंत्री लावरोव और जयशंकर की भी बातचीत

इससे पहले 3 मई को, रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के बीच टेलीफोन वार्ता हुई थी। इसमें लावरोव ने भी पहलगाम हमले की निंदा की और भारत-पाक संबंधों को राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर सुलझाने की बात कही थी।


☢️ भारत-पाक तनाव पर रूस की ‘शांति’ की अपील

रूस ने एक और अहम बयान में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की अपील की है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “हम भारत-पाक सीमा पर बने तनावपूर्ण माहौल को लेकर चिंतित हैं और आशा करते हैं कि दोनों पक्ष स्थिति को शांत करने के उपाय करेंगे।”

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा हमले के बाद दक्षिण एशिया में रणनीतिक अस्थिरता की आशंका बढ़ गई है।


🤝 भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी: पुरानी जड़ों में नई ऊर्जा

भारत और रूस के बीच सहयोग दशकों पुराना है — चाहे वह रक्षा क्षेत्र हो, ऊर्जा, अंतरिक्ष अनुसंधान या संयुक्त सैन्य अभ्यास। अब इस रिश्ते में एक बार फिर नई जान फूंकी जा रही है।

भारत रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम पहले ही खरीद चुका है और संयुक्त रक्षा उत्पादन, सिविल न्यूक्लियर पावर, और आर्थिक साझेदारी जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग तेज़ी से बढ़ रहा है।


🔍 राजनीतिक संकेत: पुतिन का भारत दौरा वैश्विक मंच पर क्या दर्शाता है?

व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐसे समय पर होगा जब रूस पर यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं। ऐसे में भारत का रूस से दोस्ताना रिश्ता यह संकेत देता है कि भारत किसी भी वैश्विक दबाव में नहीं झुकता, और स्वतंत्र कूटनीति की मिसाल पेश करता है।


📜 निष्कर्ष: दोस्ती जो वक्त की कसौटी पर खरी उतरी

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की हालिया बातचीत सिर्फ एक राजनयिक औपचारिकता नहीं, बल्कि दो सशक्त राष्ट्रों की पारस्परिक समझ और सम्मान का प्रतीक है। एक तरफ आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, दूसरी तरफ वैश्विक मंच पर स्वतंत्र रणनीतिक सोच — भारत और रूस की यह साझेदारी आने वाले वर्षों में और प्रबल होगी।


क्या आप मानते हैं कि भारत-रूस की यह रणनीतिक दोस्ती भारत की वैश्विक ताकत को और मज़बूत करेगी?

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