श्रेयस अय्यर की कुर्बानी से PBKS को मिला शानदार जीत का फॉर्मूला

By Shiv

Published on:

श्रेयस अय्यर की निस्वार्थता पर शास्त्री की प्रतिक्रिया: अप्रत्यक्ष रूप से कोहली पर तंज?

ALSO READ – विराट भाई थे वहीं, RCB के युवा खिलाड़ी ने कर दिया बड़ा मजाक

नई दिल्ली: आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स के नए कप्तान श्रेयस अय्यर ने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ अपने पहले ही मुकाबले में शानदार 97 रनों की नाबाद पारी खेली। उनकी इस पारी से टीम को 243/5 का मजबूत स्कोर मिला, जो अंततः 11 रन से जीत दिलाने के लिए काफी साबित हुआ। हालांकि, उनकी पारी का सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा कि वह अपनी शतकीय पारी से मात्र 3 रन दूर थे, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत रिकॉर्ड से ज्यादा टीम की जीत को प्राथमिकता दी।

ALSO READ – विजयकुमार वैशाक का जलवा! पानी पिलाने से लेकर मैच जिताने तक का सफर

शतकीय पारी के करीब होकर भी स्ट्राइक नहीं मांगी!

श्रेयस अय्यर ने 17वें ओवर तक 90 रन पूरे कर लिए थे और ऐसा लग रहा था कि वह अपनी पहली आईपीएल सेंचुरी बना लेंगे। लेकिन अगले तीन ओवरों में उन्हें केवल 4 गेंदें खेलने का मौका मिला। इस दौरान उनके साथी शशांक सिंह ने 16 गेंदों में 44 रन की तूफानी पारी खेली, जिसमें मो. सिराज के आखिरी ओवर में 5 चौके और 2 छक्के शामिल थे।

मैच के बाद जब पूर्व कोच रवि शास्त्री ने शशांक सिंह से पूछा कि क्या उन्हें अपने कप्तान को 100 तक पहुंचने में मदद करनी चाहिए थी, तो उन्होंने जवाब दिया:

ALSO READ – ट्रंप के टैरिफ का अप्रत्याशित असर: भारत-कनाडा संबंधों में नया अध्याय?

🗣️ “श्रेयस भाई ने मुझसे साफ कहा था – ‘सेंचुरी की फिक्र मत करो, बस पूरे शॉट खेलो और टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचाओ’।”

रवि शास्त्री की चुटकी – अप्रत्यक्ष रूप से विराट कोहली पर निशाना?

शशांक के इस बयान के बाद रवि शास्त्री ने कहा,
🗣️ “टीम गेम में यही सही अप्रोच है।”

शास्त्री के इस बयान को लेकर कई लोगों का मानना है कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से विराट कोहली पर कटाक्ष किया है। दरअसल, आईपीएल 2019 में RCB बनाम KKR के एक मुकाबले में कोहली 96 रन पर थे और आखिरी ओवर की दूसरी गेंद पर उन्होंने एक आसान दो रन लेने के बजाय स्ट्राइक अपने पास रखी, ताकि अगली गेंद पर शतक पूरा कर सकें।

श्रेयस अय्यर का बयान – ‘टीम की जीत पहले’

मैच के बाद श्रेयस अय्यर ने कहा,
🗣️ “97 नाबाद रहना मेरे लिए मायने नहीं रखता। शशांक ने 44 रन बनाकर टीम के लिए बड़ा योगदान दिया। मेरी फॉर्म अच्छी है और मैं आगे भी इसी तरह टीम को आगे ले जाना चाहूंगा।”

श्रेयस की इस निस्वार्थ मानसिकता की जमकर तारीफ हो रही है, और इस घटना ने क्रिकेट में व्यक्तिगत उपलब्धियों और टीम स्पिरिट के बीच संतुलन पर एक नई बहस छेड़ दी है।