नई दिल्ली, अप्रैल 2025:
भारत और अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को लेकर एक नया अध्याय खुलता दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला व स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के बीच हाल ही में एक वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने डिजिटल युग में संभावित सहयोग के नए रास्तों पर मंथन किया।
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प्रधानमंत्री ने इस बातचीत की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“आज @elonmusk से बात की। हमने टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और स्पेस व मोबिलिटी जैसे साझा हितों पर चर्चा की। भारत और अमेरिका के बीच सहयोग की विशाल संभावनाएं हैं।”
🚀 Starlink का भारत मिशन: जल्द मिल सकती है मंज़ूरी
बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब मस्क की कंपनी Starlink भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत की तैयारी में है और उसका आवेदन GMPCS लाइसेंस के लिए मंजूरी की प्रतीक्षा में है। सूत्रों के अनुसार, एक बार सुरक्षा समीक्षा पूरी होते ही अनुमति मिल सकती है।
सिर्फ दो दिन पहले Starlink के वाइस प्रेसिडेंट चाड गिब्स और सीनियर डायरेक्टर रायन गुडनाइट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। गोयल ने भी X पर लिखा:
“Starlink के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई, जिसमें उनकी अत्याधुनिक तकनीक, मौजूदा साझेदारियों और निवेश योजनाओं पर चर्चा हुई।”
💡 ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ पर भी चर्चा
मस्क, जो अमेरिका में “Department of Government Efficiency (DOGE)” के सलाहकार हैं, ने मोदी के डिजिटल भारत विज़न और ‘minimum government, maximum governance’ की नीति पर भी सहमति जताई। दोनों नेताओं ने मिलकर इस सोच को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार किया।
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📡 ग्रामीण भारत में सशक्तिकरण की ओर एक कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रुचि दिखाई कि Starlink जैसी सैटेलाइट टेक्नोलॉजी दूरदराज़ गांवों तक तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाए, जिससे टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन बैंकिंग, डिजिटल शिक्षा और ई-गवर्नेंस सेवाएं संभव हो सकें।
इस पहल को भारत के मौजूदा डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर — JAM Trinity (जनधन, आधार, मोबाइल), UPI, ONDC और पीएम गति शक्ति योजना — के साथ इंटीग्रेट किया जा सकता है।
🤝 टेलिकॉम कंपनियों के साथ संभावित गठजोड़
Starlink ने भारत में Jio और Airtel जैसी टेलीकॉम कंपनियों से साझेदारी की बात भी सार्वजनिक की है, हालांकि साझेदारी की बारीकियां अब तक घोषित नहीं की गई हैं। इसके साथ ही, Eutelsat-OneWeb और Jio Platforms को पहले ही सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्वीकृति मिल चुकी है।
⚠️ डेटा स्टोरेज और सिक्योरिटी को लेकर सहमति
Starlink ने भारत सरकार के उन नियमों को भी मान लिया है, जिसमें यूज़र डेटा भारत में ही स्टोर करना और जरूरत पड़ने पर इंटेलिजेंस एजेंसियों को डेटा उपलब्ध कराना शामिल है।
⚡ Tesla इन्वेस्टमेंट को भी मिल सकता है ग्रीन सिग्नल
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार अब मस्क की दूसरी कंपनी Tesla के इलेक्ट्रिक व्हीकल इन्वेस्टमेंट को भी तेज़ अप्रूवल देने की दिशा में काम कर रही है। इसी बातचीत के मद्देनज़र, चल रही भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ताओं में भी EV टैरिफ जैसे मुद्दे शामिल किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की ये बातचीत न केवल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूती देने वाली है, बल्कि भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी का संकेत देती है।
अब देखना ये होगा कि क्या Starlink को जल्द लाइसेंस मिल पाता है और Tesla के व्हीकल भारतीय सड़कों पर दौड़ते नज़र आते हैं या नहीं।

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