लखनऊ में Loan Fraud का बड़ा मामला सामने आया है यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की जानकीपुरम शाखा का Manager गौरव सिंह का STF ने किया बडा खुलासा
ऐसे किया Loan Fraud का पूरा खेल
STF ने बताया कि गिरोह का तरीका बड़ा चालाक था और जब कोई व्यक्ति Loan के लिए आवेदन करता तो मैनेजर और उसके साथी उससे कई कागजों पर साइन करवा लेते थे और बाद में उस व्यक्ति को यह कहकर लौटा दिया जाता कि उसका Loan मंजूर नहीं हुआ और जबकि हकीकत यह थी कि उन्हीं दस्तावेजों की मदद से उसी व्यक्ति के नाम पर Loan पास कराया जाता और रकम गिरोह के खाते में पहुंच जाती थी.
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पीड़ितों से हुआ खुलासा
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब हजरतगंज निवासी राज बहादुर गुरुंग ने शिकायत की और उन्हें अपने बिजनेस के लिए Loan चाहिए था और उनके परिचित नावेद और इंद्रजीत ने उनकी मुलाकात गौरव सिंह से करवाई और बैंक मैनेजर गौरव ने उनके नाम पर 24.80 लाख रुपये का Loan पास कराया पर यह रकम उन्हें न देकर खुद और अपने साथियों के खाते में डाल ली और इसी की शिकायत पर STF हरकत में आई और गिरोह की जड़ तक पहुंची.
गिरफ्तारी और बरामदगी
STF ने सुशांत गोल्फ सिटी से गौरव सिंह, नावेद, इंद्रजीत और अखिलेश को गिरफ्तार किया और इनके पास से कई महंगी गाड़ियां बरामद की गईं जिनमें BMW, Baleno, Fronx और Mahindra Supro जैसी गाड़ियां शामिल हैं और साथ ही STF ने इनके पास से पांच मोबाइल फोन और एक डेस्कटॉप व 268 Loan से जुड़े दस्तावेज और दो चेकबुक और एक प्रिंटर भी जब्त किया है.
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दूसरी बैंकों के मैनेजर भी शक के घेरे में
पूछताछ में आरोपितों ने कबूल किया कि इस पूरे Loan Fraud में अन्य बैंकों के मैनेजर भी शामिल थे और गिरोह ने कबूल किया कि उन्होंने कई बैंकों के अधिकारियों से मिलकर करोड़ों रुपये के फर्जी Loan पास कराए हैं और STF अब यह पता लगाने में जुटी है कि किन-किन बैंकों के अधिकारी इस गिरोह के संपर्क में थे.
ऐसे बनाया जाता था फर्जी दस्तावेज
आरोपितों ने माना कि उन्होंने कई फर्जी फर्में बनाई थीं और इ्ही फर्मों के नाम से बैंक अकाउंट खोले गए और Loan की रकम इन्हीं खातों में मंगवाई जाती थी और Loan प्रक्रिया के दौरान पहले ही Withdrawal Form और वाउचर पर साइन करवा लिए जाते थे और जैसे ही रकम खाते में आती थी तो गिरोह उसे तुरंत कैश में निकाल लेता.
सहायक मैनेजरों की आईडी का भी दुरुपयोग
गौरव सिंह ने STF को बताया कि वह सहायक मैनेजरों की ID और Password का गलत इस्तेमाल करता था और उनके Access का उपयोग करके Loan Approval की रिपोर्ट खुद लगा देता था और इसी तरह पूरा सिस्टम उसके कब्जे में था और किसी को भनक भी नहीं लगती थी. की आखिर यह हुआ कैसे
करोड़ों का निकला खेल
आरोपितों ने माना कि इस तरीके से उन्होंने करोड़ों रुपये हड़प लिए हैं और STF के ASP विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह है जो सालों से इस गोरखधंधे में लिप्त है और अगस्त 2025 में भी आरोपित नावेद और अखिलेश के खिलाफ Loan Fraud की रिपोर्ट दर्ज की गई थी.
Loan Fraud से लोगों को चेतावनी
यह मामला Loan Fraud के खतरनाक नेटवर्क की तरफ इशारा करता है और आम लोग भरोसे में आकर बैंक मैनेजर और उनके साथियों पर विश्वास कर लेते हैं और बिना सोचे-समझे दस्तावेजों पर साइन कर देते हैं और इस केस ने साफ कर दिया है कि जरा सी लापरवाही आपकी लाखों की रकम डुबो सकती है.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर
लखनऊ में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर और उसके साथियों ने Loan Fraud कर करोड़ों रुपये हड़प लिए हैं और STF ने गिरोह का भंडाफोड़ कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है और हमने इसमे पूरा बताया है की किस तरह इस Loan Fraud को अंजाम दिया गया और लोगों को कैसे ठगा गया.तो सतर्क रहिए.