रविचंद्रन अश्विन ने 38 साल की उम्र में चौंकाते हुए लिया सन्यास

By Shiv

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन के गाबा में तीसरे टेस्ट के समापन के बाद, रविचंद्रन अश्विन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहकर सभी को हैरान कर दिया। भारत के लिए सभी प्रारूपों में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले इस दिग्गज ऑफ स्पिनर ने कहा कि उनके अंदर अभी भी क्रिकेट खेलने का दमखम है, लेकिन उनका भारतीय क्रिकेट करियर अब समाप्त हो गया है। अश्विन ने 765 अंतरराष्ट्रीय विकेट झटके, जिनमें से 537 टेस्ट क्रिकेट में हैं।

शुरुआत से ही खेल के प्रति जुनून

अश्विन हमेशा से खेल के प्रति समर्पित रहे हैं। उन्होंने अपने खेल में सुधार के लिए नई-नई तकनीकें सीखीं। तमिलनाडु के कोच डब्ल्यूवी रमन, जो अश्विन के प्रथम श्रेणी करियर के शुरुआती दिनों में उनके मार्गदर्शक थे, ने बताया कि अश्विन बचपन से ही विशेष प्रतिभा के धनी थे।

रमन ने कहा, “यह किसी के लिए भी कहना मुश्किल है कि कब किसी खिलाड़ी के लिए ‘बस इतना ही काफी है’ का समय आ जाता है। एक सुबह आप उठते हैं और अचानक महसूस करते हैं कि अब और नहीं।”

आईपीएल से पहले का संघर्ष

अश्विन को भले ही चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) में अपने आईपीएल कार्यकाल से पहचान मिली हो, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने 2006 में हरियाणा के खिलाफ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू करने से पहले ही कड़ी मेहनत की थी। रमन ने कहा, “तमिलनाडु के लिए शुरुआती दो सीजन के बाद ही यह साफ हो गया था कि उनके पास उज्ज्वल भविष्य है। उन्होंने क्रिकेट को अपना जीवन बना लिया।”

भारतीय पिचों पर सफलता

अश्विन ने भारतीय पिचों पर 380 से ज्यादा विकेट लिए, और आलोचकों ने इसे टर्निंग ट्रैक का फायदा बताया। लेकिन रमन ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा, “अगर हम अच्छे बैटिंग ट्रैक पर बल्लेबाजों के शतक की सराहना कर सकते हैं, तो स्पिनर्स की 5 विकेट की उपलब्धि को क्यों नहीं?”

हमेशा सीखने की ललक

अश्विन का करियर इस बात का उदाहरण है कि एक खिलाड़ी कैसे लगातार सीख और सुधार कर सकता है। रमन ने कहा, “अश्विन न केवल प्रतिभाशाली थे, बल्कि उन्होंने अपनी क्षमता को पूरी तरह से इस्तेमाल किया। उन्होंने हर चुनौती को पार करते हुए खुद को साबित किया।”

अनुशासन और जुनून

अश्विन ने अपने कोचों से सवाल पूछकर और हर चीज को समझने की कोशिश करके अपने खेल को बेहतर बनाया। रमन ने कहा, “यह जरूरी है कि कोच खिलाड़ियों को उनके सवालों का जवाब दें। अश्विन हमेशा सीखने और समझने के लिए उत्सुक रहते थे।”

रिकॉर्ड और विरासत

अश्विन ने अनिल कुंबले के बाद भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लिए। हालांकि, उनके सन्यास के बाद यह चर्चा हुई कि वह कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। लेकिन रमन का मानना है कि हर खिलाड़ी के लिए मानसिक संतुलन और प्रेरणा सबसे अहम होती है।

रणजी ट्रॉफी का सपना

अश्विन का सपना अभी भी तमिलनाडु के लिए रणजी ट्रॉफी जीतना है। रमन ने कहा, “अश्विन हमेशा तमिलनाडु के लिए एक खिताब जीतने की कोशिश में रहे हैं। अगर वह इसे पूरा करते हैं, तो यह उनके करियर को और भी शानदार बना देगा।”

अश्विन की विरासत

अश्विन की विरासत उनके सीखने की ललक, खेल के प्रति समर्पण और कठिनाइयों को पार करने की उनकी क्षमता में निहित है। रमन ने कहा, “अश्विन का करियर यह दिखाता है कि एक खिलाड़ी कैसे क्रिकेट को जी सकता है। उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जा सकती है, जो अपने समय में इसी जुनून के साथ खेले।”

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