Noida Woman Lawyer Assault Case में अवैध हिरासत और उत्पीड़न के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ है। SHO को लाइन हाजिर किया गया है और CCTV फुटेज
नोएडा में महिला वकील का मामला कैसे सामने आया
Noida Woman Lawyer Assault Case बीते कुछ दिनों से चर्चा में है और इसकी वजह बेहद गंभीर है। यह मामला गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर-126 थाने से जुड़ा हुआ है। एक महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस पर अवैध हिरासत और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला सामने आते ही पुलिस व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
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3 दिसंबर को थाने पहुंची थीं महिला वकील
Noida Woman Lawyer Assault Case में महिला वकील ने अदालत को बताया कि 3 दिसंबर को वह अपने घायल मुवक्किल की शिकायत दर्ज कराने सेक्टर-126 थाने पहुंची थीं। उनका कहना है कि वह पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत थाने गई थीं और उन्हें उम्मीद थी कि पुलिस शिकायत दर्ज करेगी। लेकिन वहां जो हुआ, वह उनके लिए बेहद डरावना साबित हुआ।
अवैध हिरासत और उत्पीड़न के आरोप
महिला वकील का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बात सुनने के बजाय उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। Noida Woman Lawyer Assault Case में उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें थाने में ही अवैध रूप से रोक लिया। इस दौरान मानसिक दबाव बनाया गया और यौन उत्पीड़न जैसी हरकतें की गईं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगातार धमकाया गया ताकि वह चुप रहें।
सबूत मिटाने के गंभीर आरोप
Noida Woman Lawyer Assault Case को और गंभीर बनाता है सबूत मिटाने का आरोप। महिला वकील ने दावा किया कि घटना के दौरान थाने के CCTV कैमरे बंद कर दिए गए। उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया गया और उसमें मौजूद वीडियो डिलीट कर दिए गए। उनका कहना है कि यह सब जानबूझकर किया गया ताकि सच्चाई सामने न आ सके।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लिया सख्त रुख
Noida Woman Lawyer Assault Case में सुप्रीम कोर्ट ने शुरू से ही सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने माना कि आरोप बेहद गंभीर हैं और इनकी निष्पक्ष जांच जरूरी है। इसी वजह से कोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को आदेश दिया कि घटना से जुड़ी सभी CCTV फुटेज सुरक्षित रखी जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि फुटेज को सीलबंद लिफाफे में रखकर पेश किया जाए।
SHO पर गिरी गाज, लाइन हाजिर
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का असर तुरंत दिखा। Noida Woman Lawyer Assault Case में सेक्टर-126 थाने के थाना प्रभारी भूपेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि जांच को निष्पक्ष रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने साफ कहा कि जांच के दौरान किसी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए।
नोटिस जारी, सभी से जवाब तलब
Noida Woman Lawyer Assault Case में सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा पुलिस को नोटिस जारी किया है। अदालत ने सभी पक्षों से जवाब मांगा है और पूछा है कि इस पूरे मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि मानवाधिकारों से जुड़े मामलों में किसी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
अगली सुनवाई 7 जनवरी को तय
इस केस की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। Noida Woman Lawyer Assault Case में उस दिन CCTV फुटेज और अन्य दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस सुनवाई में केस की दिशा तय हो सकती है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो जिम्मेदार अधिकारियों पर और सख्त कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस व्यवस्था पर उठे बड़े सवाल
Noida Woman Lawyer Assault Case ने पुलिस थानों की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक महिला वकील, जो कानून को अच्छी तरह समझती हैं, अगर खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं, तो आम नागरिकों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। यह मामला बताता है कि थाने में जाने से पहले लोग आज भी डर क्यों महसूस करते हैं।
समाज और कानून की नजर अब फैसले पर
फिलहाल Noida Woman Lawyer Assault Case पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। लोग यह देखना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद क्या वाकई दोषियों पर कार्रवाई होगी। यह केस सिर्फ एक महिला वकील का नहीं, बल्कि सिस्टम की जवाबदेही और न्याय की साख से जुड़ा हुआ मामला बन चुका है। आने वाले दिनों में अदालत का फैसला यह तय करेगा कि कानून सच में सबके लिए बराबर है या नहीं।






