नई दिल्ली / कोलंबो, अप्रैल 2025:
भारत ने एक बार फिर अपनी रणनीतिक सूझबूझ का परिचय देते हुए पाकिस्तान की एक अहम योजना को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान की ओर से श्रीलंका के त्रिंकोमाली बंदरगाह के पास एक संयुक्त नौसेना अभ्यास करवाने की कोशिश को भारत की कूटनीतिक पहल ने शुरू होने से पहले ही खत्म कर दिया। यह वही क्षेत्र है जहां भारत की भागीदारी से एक ऊर्जा हब विकसित किया जा रहा है।
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सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव ऐसे समय आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका के बीच एक ऐतिहासिक रक्षा सहयोग समझौता और भारत-श्रीलंका-UAE त्रिपक्षीय ऊर्जा करार पर हस्ताक्षर हुए। पाकिस्तान द्वारा अभ्यास की जगह त्रिंकोमाली को चुना जाना जानबूझकर भारत की रणनीतिक भावनाओं को चुनौती देने वाला कदम माना गया।
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🚫 भारत की आपत्ति के बाद अभ्यास रद्द
भारत को जैसे ही इस संयुक्त अभ्यास की जानकारी मिली, कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका सरकार के समक्ष अपनी आपत्ति स्पष्ट रूप से रखी। इसके बाद श्रीलंका ने चुपचाप यह अभ्यास रद्द कर दिया, हालांकि पाकिस्तान ने इसका विरोध किया।
🔎 क्यों अहम है त्रिंकोमाली?
त्रिंकोमाली बंदरगाह श्रीलंका के पूर्वी तट पर स्थित है और यह क्षेत्र रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां भारत, श्रीलंका और UAE मिलकर एक बहु-उत्पाद पाइपलाइन, तेल भंडारण सुविधा और ऊर्जा केंद्र विकसित कर रहे हैं। इस क्षेत्र में दूसरे देशों की सैन्य उपस्थिति भारत के लिए चिंता का विषय रही है।
📦 2022 में शुरू हुई थी IOC-CPC परियोजना
इस परियोजना की नींव 2022 में पड़ी थी, जब Lanka IOC, Ceylon Petroleum Corporation और उनकी संयुक्त इकाई ने त्रिंकोमाली के 850 एकड़ में फैले द्वितीय विश्व युद्ध कालीन तेल टैंक फार्म को विकसित करने के लिए लीज़ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अब इस त्रिपक्षीय MoU से इस परियोजना को और बल मिलने की संभावना है।
🇮🇳 भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया
भारत ने हाल के वर्षों में श्रीलंका के बंदरगाहों पर चीन और पाकिस्तान के जहाजों की बढ़ती आवाजाही को लेकर चिंता जताई है। खासकर चीन के उन्नत निगरानी जहाज, जो समुद्री सीमाओं की रेकी और मिसाइल लॉन्च ट्रैकिंग में सक्षम हैं, भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनते हैं।
2024 में श्रीलंका ने इस प्रकार के जहाजों के आगमन पर एक वर्ष का प्रतिबंध लगाया था, जो अभी भी लागू है। हालांकि श्रीलंका ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि भविष्य में चीन या पाकिस्तान के युद्धपोतों के प्रवेश को कैसे संभालेगा।
⚓ हालिया घटनाक्रम
हाल ही में फरवरी और मार्च में पाकिस्तानी युद्धपोत PNS Aslat ने कोलंबो बंदरगाह का दौरा किया और Sri Lanka Navy के साथ “Passex” यानी पासिंग एक्सरसाइज की, जिसमें सामरिक संचार और गति तालमेल पर जोर दिया गया।
🤝 भारत-श्रीलंका रक्षा MoU: एक नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी की इस माह श्रीलंका यात्रा के दौरान 5 अप्रैल को रक्षा क्षेत्र में एक नया समझौता हुआ, जो दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, और रक्षा उद्योग में सहयोग को और मजबूत करेगा। यह समझौता भारत की 1980 के दशक की श्रीलंका नीति के बाद सबसे बड़ा रक्षा हस्तक्षेप माना जा रहा है।
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