
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने एक ऐसे फर्जी STF गैंग का भंडाफोड़ किया है, जिसका मुखिया कोई और नहीं बल्कि खुद यूपी पुलिस का ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर (TSI) निकला। गिरोह में एक महिला PRD जवान, एक होमगार्ड, और तीन अन्य लोग शामिल थे, जो पूरी प्लानिंग और पुलिस जैसी वर्दी में छापेमारी की फर्जी कार्रवाई कर वसूली करते थे।
पहले करते रैकी, फिर दो गाड़ियों में पहुंचते थे छापा मारने
पुलिस उपायुक्त पश्चिम दिनेश त्रिपाठी के अनुसार यह गिरोह ऐसे ठिकानों को टारगेट करता था जहां अवैध गतिविधियाँ चलती थीं – जैसे जुए, सेक्स रैकेट, या अन्य गैरकानूनी काम। पहले इलाके की पूरी रैकी की जाती थी, फिर हूटर लगी दो गाड़ियों में सभी सदस्य फर्जी STF अफसर बनकर छापा मारते थे और लोगों को डरा-धमकाकर ऑनलाइन वसूली की जाती थी।
रावतपुर और हंसपुरम में इन सरगनाओं द्वारा की गई लूट की घटनाएं
गिरोह ने रावतपुर में एक व्यक्ति से ₹1.5 लाख, और हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के उस्मानपुर में ₹2.5 लाख की वसूली की। यह सभी पैसे ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स के जरिए लिए गए थे, जिससे पीड़ितों को बाद में भी मदद मिलना मुश्किल हो जाए।
मौके से 5 आरोपी हुए गिरफ्तार
पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम हैं: वर्षा चौहान – महिला PRD, जवान राजीव दीक्षित – होमगार्ड, अरविंद शुक्ला, अनिरुद्ध सिंह, अनुज गिरोह का मुख्य सरगना अजीत यादव, जो ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर है, मौके से फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
वर्दी पहनकर असली अफसरों जैसी बनाते थे चाल
गिरोह के सभी सदस्य पुलिस की असली वर्दी पहनते थे, जिससे किसी को शक न हो। छापा मारने के बाद पीड़ितों को तब तक नहीं छोड़ा जाता था, जब तक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं हो जाता। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह अब तक 7–8 वारदातों को अंजाम दे चुका है।
बरामद हुए कई सामान और सबूत
गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने बरामद किए: 2 गाड़ियाँ (हूटर लगी), कई मोबाइल फोन, ₹3200 नकद, ₹91,800 अलग-अलग गेमिंग ऐप्स से सीज़ किए गए पैसे
मुख्य आरोपी अजीत यादव की तलाश जारी है। साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस गिरोह के तार किसी बड़े नेटवर्क या पुलिस महकमे के अंदर तक तो नहीं जुड़े हैं।