
उत्तर प्रदेश को नया पुलिस मुखिया मिल चुका है। शनिवार देर रात राजीव कृष्ण ने पुलिस महानिदेशक (DGP) का कार्यभार संभाल लिया है और रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें विश्वास दिलाया है कि उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा
सी.एम. योगी जी से औपचारिक भेंट कर जताया आभार
रविवार को मुख्यमंत्री से हुई शिष्टाचार भेंट के बाद राजीव कृष्ण ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा बै कि
“उत्तर प्रदेश पुलिस का नेतृत्व करने का अवसर पाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हृदय से आभार। राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को पूरी निष्ठा और पारदर्शिता से लागू करूंगा।”
आइए जानते है राजीव कृष्ण के अनुभव और नियुक्ति के बारे में
राजीव कृष्ण 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। कार्यभार ग्रहण करने से पहले वे उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष और विजिलेंस निदेशक के रूप में सेवाएं दे रहे थे उन्हें 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए यूपी का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है जिनमें शफी अहसान रिजवी और रेणुका मिश्रा व आदित्य मिश्रा और आशीष गुप्ता जैसे दिग्गज अधिकारी शामिल हैं ।
लगातार 5वीं बार हुई कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति
राजीव कृष्ण की नियुक्ति के साथ ही यूपी को लगातार पांचवीं बार कार्यवाहक डीजीपी मिले है इसका सबसे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि राज्य सरकार बीते तीन सालों से UPSC को स्थायी डीजीपी नियुक्ति के लिए पैनल नहीं भेज रही है, जिससे हर बार कार्यवाहक पदाधिकारी की ही तैनाती करनी पड़ रही है ।
प्रशांत कुमार को अभी भी नहीं मिला सेवा विस्तार
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के कार्यकाल को लेकर दिनभर अटकलें चलती रहीं है माना जा रहा था कि उन्हें सेवा विस्तार मिल सकता है लेकिन रात करीब 8 बजे सरकार ने राजीव कृष्ण की नियुक्ति की घोषणा कर साफ स्थिति स्पष्ट कर दी है और
इसके साथ ही प्रशांत कुमार का कार्यकाल बिना विस्तार के समाप्त हो चुका है ।
DGP का बड़ा बयान कि अपराध और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
राजीव कृष्ण ने अपने संदेश में दो टूक कहा कि वह राज्य सरकार की प्राथमिकताओं जैसे
- अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख,
- महिला सुरक्षा
- नागरिक केंद्रित पुलिसिंग,
- मजबूत कानून-व्यवस्था को पूरी ईमानदारी से लागू करने से पीछे नही हटेंगें ।