✨ “UPSC के मंच पर मिथिला के बेटे का जलवा — पाँचवीं बार में मिला आठवां आसमान!”

सीतामढ़ी, बिहार | 23 अप्रैल 2025:
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2024 में बिहार के राज कृष्ण झा ने 8वीं रैंक हासिल कर सबका दिल जीत लिया है। 27 वर्षीय राज, जो सीतामढ़ी ज़िले के रूनी सैदपुर प्रखंड के अथरी पंचायत के मूल निवासी हैं, आज हर युवा के प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।
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🏁 संघर्ष की शुरुआत: दो असफल प्रीलिम्स
राज कृष्ण की यात्रा आसान नहीं थी। पहले दो प्रयासों में वह प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे। लेकिन हर हार के बाद उन्होंने अपने लक्ष्य को और सशक्त बनाया।
“चौथे प्रयास में मुझे 739 अंक मिले थे लेकिन चयन सिर्फ 2 अंकों से छूट गया। तभी मैंने ठान लिया था—अब टॉप 10 में ही आना है,” राज ने फोन पर बताया।
📚 शिक्षा और करियर की कहानी
राज कृष्ण की स्कूली शिक्षा नेपाल के भितामोड़ बॉर्डर के पास के एक स्कूल से हुई। बारहवीं बिहार बोर्ड से पास करने के बाद उन्होंने MNNIT इलाहाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया।
2018 में उन्होंने HPCL जॉइन किया और वर्तमान में BPCL के कोल्हापुर यूनिट में असिस्टेंट मैनेजर हैं।
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🏠 परिवार का साथ बना ताक़त
राज कहते हैं कि उनके पिता सुनील कुमार झा, जो नेपाल के एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं, उनके सबसे बड़े प्रेरणास्त्रोत रहे।
“पिता जी शिक्षक हैं, लेकिन मेरे जीवन के सबसे बड़े गुरू भी वही हैं। उन्होंने मुझे समाज के लिए कुछ बड़ा करने की प्रेरणा दी,” उन्होंने कहा।
उनकी बहन MBBS डॉक्टर हैं, जबकि दादा सुल्पानी झा एक समय में स्कूल के हेडमास्टर थे।
📖 रणनीति और विषय चयन
राज ने UPSC परीक्षा के लिए हिंदी माध्यम को चुना और भूगोल (Geography) को वैकल्पिक विषय रखा। उन्होंने बताया कि परीक्षा की तैयारी के दौरान वह रोज़ाना 14-15 घंटे पढ़ाई करते थे।
🌟 गांव में जश्न, पूरे ज़िले में गर्व
राज की सफलता ने न केवल अथरी गांव, बल्कि पूरे सीतामढ़ी जिले को गौरवान्वित किया है। गांव में मिठाइयाँ बाँटी जा रही हैं और पटाखों की आवाज़ गूंज रही है।
“राज का यह सफर युवाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि लगातार प्रयास से कुछ भी संभव है,” – त्रिपुरारी कुमार, उप मुखिया, अथरी पंचायत।
उनके चाचा अनिल झा, जो मुज़फ्फरपुर में ज्योतिष का कार्य करते हैं, ने कहा,
“राज शुरू से ही पढ़ाई में तेज थे। आज पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊँचा हो गया है।”
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