भारत को मिला नए Vice President: CP राधाकृष्णन ने ली शपथ 2025

By Sonam Singh

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भारत को मिला नया उपराष्ट्रपति, सीपी राधाकृष्णन ने शपथ ली. Vice President Swearing-In Ceremony में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ.

सीपी राधाकृष्णन ने ली शपथ

भारत की राजनीति में 9 सितंबर 2025 एक ऐतिहासिक दिन बन गया है और इस दिन देश को नया उपराष्ट्रपति मिला है और Vice President Swearing-In Ceremony में सीपी राधाकृष्णन ने शपथ ली और भारत के 17वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और बड़े राजनीतिक चेहरे मौजूद रहे.

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चुनाव में भारी जीत

9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प था और एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया था जबकि विपक्षी INDIA Block ने बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा. वोटिंग का नतीजा साफ रहा. सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि सुदर्शन रेड्डी को सिर्फ 300 वोट ही मिल पाए. इस तरह राधाकृष्णन ने 152 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की.

यह जीत न सिर्फ NDA की मजबूती दिखाती है बल्कि संसद के अंदर उनकी संख्या का भी साफ संकेत देती है और इस चुनाव में कुल 752 वोट पड़े थे जिनमें से बहुमत राधाकृष्णन के पक्ष में गया.

सीपी राधाकृष्णन कौन हैं

सीपी राधाकृष्णन का नाम भारतीय राजनीति में नया नहीं है. वे तमिलनाडु से आते हैं और लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं और उन्होंने कई बार लोकसभा चुनाव लड़े और पार्टी संगठन में भी अपनी अहम भूमिकाएं निभाईं है और उनकी साफ-सुथरी छवि और मजबूत विचारधारा के कारण पार्टी ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना.

Vice President बनने के बाद अब उनकी भूमिका राज्यसभा में बेहद अहम होगी क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. ऐसे में वह सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की बड़ी जिम्मेदारी निभाएंगे.

शपथ ग्रहण समारोह

Vice President Swearing-In Ceremony बेहद गरिमामयी माहौल में हुआ है और राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीपी राधाकृष्णन को शपथ दिलाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और कहा कि यह देश के लिए गर्व का क्षण है और इस खास मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व गृह मंत्री अमित शाह तथा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित तमाम नेता मौजूद रहे.

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समारोह में विपक्ष के कई नेता भी पहुंचे. हालांकि चुनाव में हार के बाद INDIA Block के नेता थोड़े निराश दिखे पर उन्होंने लोकतांत्रिक परंपरा के तहत राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं.

राजनीतिक संदेश

सीपी राधाकृष्णन की जीत से NDA ने विपक्ष को कड़ा संदेश दिया है और यह चुनाव दिखाता है कि संसद के दोनों सदनों में NDA की पकड़ मजबूत है और वहीं विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि उम्मीद के मुताबिक वोट INDIA Block के उम्मीदवार को नहीं मिले.

राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना NDA के लिए बड़ी उपलब्धि है और इससे 2029 के आम चुनाव तक विपक्ष पर दबाव बढ़ेगा.

जनता की उम्मीदें

देश की जनता अब नए Vice President से काफी उम्मीदें रखती है और लोग चाहते हैं कि संसद में बहस का स्तर ऊंचा हो और सांसदों की हंगामेबाजी कम हो और सदन की कार्यवाही शालीन ढंग से चले और सीपी राधाकृष्णन की छवि सादगी और गंभीरता वाली है इसलिए लोगों को भरोसा है कि वह इस जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएंगे.

उपराष्ट्रपति पद का महत्व

भारत में उपराष्ट्रपति पद संविधान की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है और उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति का कार्यभार भी संभाल सकते हैं और यही कारण है कि इस पद पर बैठे व्यक्ति से जनता और संसद दोनों को बड़ी उम्मीदें रहती हैं.

राज्यसभा की कार्यवाही

सीपी राधाकृष्णन के सामने अब बड़ी चुनौती है कि वह राज्यसभा की कार्यवाही को कितना सुचारू बना पाते हैं और संसद में अक्सर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिलता है और ऐसे में उनकी भूमिका बेहद संतुलित और निर्णायक होगी व राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि उनकी कार्यशैली और अनुभव संसद को नया रूप दे सकते हैं.

भारत को नया उपराष्ट्रपति

भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल चुका है और Vice President Swearing-In Ceremony ने एक नया अध्याय खोल दिया है औप सीपी राधाकृष्णन की जीत NDA के लिए बड़ी उपलब्धि है और विपक्ष के लिए चेतावनी भी है और अब सबकी नजर इस बात पर होगी कि वह राज्यसभा के संचालन में कितना संतुलन ला पाते हैं और जनता की उम्मीदों पर कितने खरे उतरते हैं.

और अगर राजनीति और लोकतंत्र को सही दिशा देनी है तो ऐसे नेताओं की जरूरत है जो न सिर्फ दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचें बल्कि पूरे देश के हित में निर्णय लें व सीपी राधाकृष्णन से अब यही उम्मीद की जा रही है.

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