मथुरा में बच्चों को पेट के infection से बचाने के लिए दी जाने वाली एक syrup दवा की सच्चाई जब सामने आई तो सब हैरान रह गए पर दवा में जिस खास compound की मौजूदगी होनी चाहिए थी वो पूरी तरह zero पाई गई और ये मामला अब कोर्ट तक पहुंच चुका है और हरिद्वार की दवा कंपनी पर केस दर्ज हो गया है.
जाने पूरा मामला
करीब छह महीने पहले मथुरा के शेरगढ़ इलाके में स्थित बजरंग मेडिकल स्टोर से औषधि निरीक्षक प्रेम पाठक ने “Centroflox M Suspension” नाम की एक बच्चों की दवा का sample लिया था पर यह दवा Zeneca Healthcare Private Limited नाम की कंपनी ने बनाई थी और जब दवा की जांच कराई गई तो जो रिपोर्ट सामने आई और उसमें वो चौंकाने वाली थी दवा में Ofloxacin तो तय मात्रा में मिला पर Metronidazole की मात्रा पूरी तरह से गायब थी यानी जो दवा infection से लड़ने के लिए दी जा रही थी उसमें infection रोकने वाली मुख्य चीज थी ही नहीं.
ALSO READ – बिजली गिरेगी और बादल बरसेंगे 15 राज्यों पर IMD का सीधा अलर्ट
कंपनी ने मान लिया दवा उन्हीं की है
रिपोर्ट आने के बाद औषधि निरीक्षक ने दवा कंपनी को notice भेजकर जवाब मांगा और जवाब में कंपनी ने यह तो मान लिया कि दवा उन्होंने ही बनाई है पर यह नहीं माना कि Metronidazole की मात्रा zero थी और कंपनी ने उलटा जांच रिपोर्ट को ही गलत बता दिया और उसे चुनौती दे डाली और इसके बाद औषधि विभाग ने उसी दवा की दोबारा जांच कराई.
दोबारा जांच में भी दवा फेल
जैसे ही दोबारा जांच रिपोर्ट आई तो सच्चाई फिर सामने आ गई और इस बार भी Metronidazole की मात्रा शून्य निकली मतलब यानी दवा एक बार नहीं वल्कि दो बार फेल हो चुकी थी और अब जब दोनों जांच रिपोर्ट एक जैसी आईं तो औषधि निरीक्षक ने इस मामले में सीधा कदम उठाया और हरिद्वार की Zeneca Healthcare कंपनी के खिलाफ मथुरा की CJM कोर्ट में केस दर्ज कर दिया.
बच्चों की सेहत से खिलवाड़?
ये दवा आमतौर पर बच्चों को पेट की समस्या या बैक्टीरियल संक्रमण में दी जाती है और ऐसे में इस दवा में जरूरी antibiotic न होना सीधा-सीधा बच्चों की सेहत से खिलवाड़ माना जा सकता है और दवा के जो samples जांच में भेजे गए थे वे सब sealed पैकिंग में थे और Medical Store ने पक्का बिल भी दिखाया था और इसका मतलब है कि न तो दुकान की गलती थी और न ही किसी storage की, बल्कि सीधे-सीधे manufacturing level पर कमी की गई थी.
अब यह मामला कोर्ट के पास है और CJM कोर्ट मथुरा दोनों पक्षों की बात सुनेगा और फिर फैसला सुनाएगा पर अगर कंपनी दोषी पाई जाती है तो उस पर भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द जैसी सख्त कार्रवाई हो सकती है और औषधि निरीक्षक प्रेम पाठक का कहना है कि बच्चों की दवा से जुड़ा यह मामला बेहद गंभीर है और दवा में जरूरी compound की अनुपस्थिति मरीज की जान को जोखिम में डाल सकती है.