CMO ने मांगी आगरा की लिस्ट अब हर झोलाछाप की उल्टी गिनती शुरू!

By Shiv

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आगरा जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों पर बहुत ही कड़ी नजर रखी जा रही है क्योकि CMO साहब ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पूरे जिले में जो लोग बिना डिग्री के लोगों का इलाज कर रहे हैं उनकी एक-एक कर सूची बनाई जाए और यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जिले में कई जगहों से फर्जी इलाज और गलत दवाइयों की शिकायतें सामने आई हैं.

सभी ब्लॉकों को दिया आदेश लिस्ट बनाओ और रेड की तैयारी रखो

CMO ऑफिस ने बाह, अछनेरा, किरावली, फतेहाबाद, एतमादपुर, बिचपुरी, पिनाहट, शमशाबाद, खेरागढ़, सैंया और खंदौली जैसे सभी ब्लॉकों के CHC व PHC इंचार्जों को निर्देश भेजे हैं कि झोलाछापों की लिस्ट जल्द से जल्द तैयार की जाए और लिस्टिंग के बाद रेड एक साथ कई जगहों पर डाली जाएगी ताकि एक भी कोई झोलाछाप बच न सके.

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इलाज के नाम पर हो रहा खतरनाक एक्सपेरिमेंट मरीजों की जान से खिलवाड़

आगरा के गांवों में ऐसे दर्जनों क्लिनिक सामने आए हैं जहां इलाज के नाम पर सीधे इंजेक्शन और दवाइयां दी जा रही हैं और बिना जांच, बिना टेस्ट, और बिना किसी योग्यता के मरीजों को बुखार, दर्द, सांस, कमजोरी जैसी सामान्य बीमारियों का इलाज देने वाले इन झोलाछापों के पास न तो किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन है और न ही ट्रेनिंग और ना ही न कोई मेडिकल जानकारी. और कुछ तो ऐसे भी केस सामने आए हैं जहां इंजेक्शन से सीधे मरीज की हालत इतनी बिगड़ गई और गंभीर हालत में मरीज को अस्पताल ले जाना पड़ा.

हुई गुप्त टीमों की तैनाती क्लिनिकों की लोकेशन, फोटो और वीडियो जुटाए

स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही कुछ इलाकों में गुप्त निरीक्षण टीमें भेज दी हैं ताकी ये टीमें ग्रामीणों व शहरों में लोगो से गुप्त तरीके से पूछताछ कर रही हैं और क्लिनिक की फोटो भी ले रही हैं और झोलाछाप डॉक्टरों की वर्किंग स्टाइल को नोट भी कर रही हैं और उनके पास पहचान पत्र नहीं होते ताकि कोई भी शक न हो और रिपोर्ट सीधे CMO ऑफिस को सौंपी जा रही है.

FIR, सीलिंग और मेडिकल एक्ट में कार्रवाई सजा भी हो सकती है 3 साल

CMO साहब के निर्देशों के अनुसार जब रिपोर्ट पूरी हो जाएगी तब संबंधित थाने और प्रशासन के सहयोग से FIR, क्लिनिक सीलिंग और गिरफ्तारी तक की कार्यवाही की जाएगी और मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत झोलाछाप डॉक्टर पर 3 साल तक की सजा और ₹50,000 तक का जुर्माना लग सकता है. ताकी दोवारा ऐसा कोई ना करे.

स्टेरॉइड का खतरनाक और अनजाना इस्तेमाल मरीजों की हालत और बिगाड़ रहे हैं

स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि कई झोलाछाप डॉक्टर मरीज को जल्दी ठीक दिखाने के चक्कर में स्टेरॉइड का प्रयोग कर रहे हैं और ये स्टेरॉइड आमतौर पर सूजन, दर्द और इम्यून रिएक्शन को तुरंत दबा देते हैं जिससे मरीज को शुरुआत में राहत मिलती है पर असली खतरा कुछ दिनों बाद सामने आता है –

  • शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है.
  • ब्लड शुगर बढ़ सकता है.
  • फेफड़ों, किडनी और लिवर पर गहरा असर पड़ सकता है.
  • बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा बन सकता है.

कहां हैं सबसे ज्यादा खतरे के केंद्र?

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आगरा जिले के ये इलाके हाई रिस्क में माने जा रहे हैं क्योकी

  • नगला बघेल – यहां खुलेआम पान की दुकान के बराबर क्लिनिक चल रहा है.
  • नगला बूदी – यहां के झोलाछाप बिना दस्ताने इंजेक्शन देते हैं.
  • बरेरा व कीठम रोड पर कई जगह – जंगल और गन्ने के खेतों के बीच क्लिनिक खुला है.
  • पिनाहट व बाह ब्लॉक में – सीमावर्ती गांवों में बड़ी संख्या में फर्जी इलाज चल रहा है.

आम जनता से सहयोग की अपील चुपचाप बताएं और कार्रवाई जरूर होगी

CMO साहब ने साफ शब्दों में कहा है कि जनता अगर बिना डिग्री के इलाज कर रहे किसी भी व्यक्ति की जानकारी देती है, तो उसे पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा और उस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई होगी और आप सीधे CHC प्रभारी, सीएमओ कार्यालय या ऑनलाइन स्वास्थ्य शिकायत पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

अब नहीं चलेगा इलाज का ड्रामा ‘डॉक्टर’ शब्द की हो रही साख बर्बाद

बिना किसी योग्यता के सिर्फ सफेद कोट पहन लेना और बोर्ड लगा लेना अब ये सव नहीं चलेगा क्योकी प्रशासन का मानना है कि इससे सच्चे डॉक्टरों की छवि खराब होती है और गरीबों की जान खतरे में पड़ जाती है इसलिए अब सख्ती से सफाई का अभियान चलाया जा रहा है. ताकी लोगो को इन लोगो से वचाया जा सके.

सावधान रहें अगली रेड आपके यहाँ भी हो सकती है

अगर आप खुद झोलाछाप इलाज कर रहे हैं या फिर आपके गांव में कोई ऐसा करता है तो समझ लीजिए कि अगली रेड आपके ही दरवाजे पर हो सकती है और अगर आप मरीज हैं तो कभी सिर्फ ₹50 बचाने के चक्कर में अपनी जान से न खेलें.

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