रसगुल्ला और गुलाब जामुन ये दोनों मिठाइयाँ लगती हैं 1 जैसी पर फर्क कर देगा हैरान

By Shiv

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रसगुल्ला और गुलाब जामुन ये दोनों मिठाइयाँ ( प्रतीकात्मक तस्वीर )

रसगुल्ला और गुलाब जामुन भारतीय मिठाईयों का एक अद्भुत उदाहरण हैं, जो हर खास मौके पर लोगों को आनंदित करते हैं।

दोनों को बनाने की सामग्री में फर्क

रसगुल्ला और गुलाब जामुन: एक स्वादिष्ट तुलना

रसगुल्ला-
बनाया जाता है छेना (फटा हुआ दूध) और सूजी से और इसे गोल आकार देकर उबालते हैं शक्कर के पतले सिरप में.
गुलाब जामुन-
बनाया जाता है खोया और मैदे के मिश्रण से इसे तलने के बाद गुलाब-इलायची वाले गाढ़े चाशनी में डुबोते हैं यानी
मतलब रसगुल्ला = उबला हुआ | गुलाब जामुन = तला हुआ

दोनें के स्वाद और बनावट में अंतर

रसगुल्ला-
मुलायम, स्पंजी और रसदार इसे चबाने से मुंह में रस फूटता है.

गुलाब जामुन-
घना, मलाईदार और थोड़ा सा भारी पर इसका स्वाद दूधिया कारमेल जैसा होता है
यानी रसगुल्ला हल्का लगता है और गुलाब जामुन थोड़ा भरावदार.

इनका मूल स्थान और इतिहास

रसगुल्ला-
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच मिठाई युद्ध का कारण रहा है पर बंगाल इसे अपनी खासियत बताता है तो ओडिशा इसकी जड़ें पुरी के जगन्नाथ मंदिर से जोड़ता है.

गुलाब जामुन-
यह मुगल काल से आया माना जाता है जिसका मूल विचार तुर्की या फारसी मिठाई luqmat al qadi से निकला है.

यानी रसगुल्ला = देशी परंपरा | गुलाब जामुन = मुगलिया झलक

पकाया कैसे जाता है

रसगुल्ला-
पानी और चीनी के हल्के सिरप में उबाला जाता है.
और
गुलाब जामुन को
देसी घी या तेल में धीमी आंच पर तला जाता है और फिर गाढ़ी चाशनी में भिगोया जाता है.

रसगुल्ला हेल्दी ऑप्शन लग सकता है क्योंकि इसमें तलने की प्रक्रिया नहीं है.

तरीका परोसे जाने का

रसगुल्ला को
ठंडा परोसा जाता है अक्सर फ्रिज में रखकर पर

गुलाब जामुन को
गर्म परोसा जाना ज़्यादा पसंद किया जाता है कभी-कभी आइसक्रीम के साथ भी लोग इसे खाना पसंद करते हैं.

अहम अंतर बनावट में

रसगुल्ला के अंदर होते हैं छोटे-छोटे छेद होते हैं जिससे रस अंदर तक भरा रहता है पर
गुलाब जामुन एकदम चिकना होता है और उसका रस ऊपर से धीरे-धीरे अंदर समाता है.

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