उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया है। मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, “बंगाल जल रहा है, लेकिन वहां की मुख्यमंत्री मौन साधे बैठी हैं। वो दंगाइयों को ‘शांति दूत’ कहती हैं। मगर जो लोग ताक़त की भाषा ही समझते हैं, उन्हें शब्दों से नहीं समझाया जा सकता।”

योगी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार ने ‘सेक्युलरिज़्म’ के नाम पर उपद्रवियों को खुली छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि “पूरा मुर्शिदाबाद पिछले एक सप्ताह से जल रहा है। घर, दुकानें, संपत्तियाँ सब कुछ आग के हवाले किया जा रहा है और सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है।”
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “मुर्शिदाबाद की हिंसा पर कांग्रेस मौन है। समाजवादी पार्टी भी खामोश है। क्या इनकी संवेदनाएँ सिर्फ़ वोटबैंक तक सीमित हैं?”
मामले में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और हिंसा की चपेट में आए इलाकों से लोग भागकर मालदा ज़िले की ओर पलायन कर रहे हैं। मुर्शिदाबाद की तस्वीरे बयां कर रही हैं कि किस तरह भीड़ ने घरों, दुकानों और संपत्ति को आग लगा दी।
साउथ 24 परगना के भांगर में भी सोमवार को वक्फ़ एक्ट के विरोध में रैली के बाद हिंसा भड़क उठी। हालात काबू में लाने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। राज्य पुलिस ने अब तक 150 लोगों को गिरफ़्तार किया है।
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर शांति की अपील करते हुए लिखा कि वक्फ़ कानून राज्य सरकार का नहीं बल्कि केंद्र सरकार का है। लेकिन बीजेपी ने उन पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और हिंदू समुदाय की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “एक समय था जब उत्तर प्रदेश में हर दो-तीन दिन में दंगे होते थे। लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है। अब कानून का राज है।”
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