शादी का नाम सुनते ही युवाओं में एंजायटी डिसऑर्डर, हुए खुलासे

By Shiv

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शादी जैसे सामाजिक जड़ों वाले संबंध को लेकर युवाओं में घबराहट, तनाव और डर की भावनाएं लगातार बढ़ रही हैं और अगर मनोचिकित्सकों की मानें तो अब यह सिर्फ असमंजस नहीं, बल्कि एक मानसिक विकार जैसे – एंजायटी डिसऑर्डर के रूप में सामने आ रहा है टेली-मानस कॉल सेंटर्स पर ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं, जहां युवाओं ने शादी के नाम पर काउंसलिंग और चिकित्सा की जरूरत बताई है. जी हाँ हम बात कर रहे हैं – मध्यप्रदेश में भोपाल/इंदौर की जानिए मामला। शादी की चिंता को लेकर ये समस्याएं और भी गंभीर हो रही हैं।

शादी को लेकर 1.21 लाख मानसिक स्वास्थ्य कॉल में सबसे ज्यादा चिंता

टेली-मानस सेवा में पिछले ढाई वर्षों में कुल कॉल डिटर्ज आवृत्ति टेली-मानस सेवा में पिछले ढाई वर्षों में कुल 1.21 लाख कॉल डिटर्ज किए गए, जिनमें से हजारों शादी संबंधी चिंता को लेकर किए गए थे और 2024 में अब तक ही 53,507 कॉल डिटर्ज किए गए, जिनमें प्रमुख मुद्दे ये थे तनाव, अवसाद, नींद न आना, गुस्सा, नशा, और शादी का डर और
इंदौर से – 27,240 कॉल
ग्वालियर से – 26,267 कॉल
मई में ही – 5,038 कॉल

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आखिर क्या हैं शादी से डरने की प्रमुख वजह

एंजायटी डिसऑर्डर
एंजायटी डिसऑर्डर

शादी के बाद जीवन में होने वाले परिवर्तनों का डर भी युवाओं को प्रभावित कर रहा है।

लड़कियों की प्रमुख चिंताएं:

शादी को लेकर युवाओं में बढ़ती चिंताओं का आकलन करना आवश्यक है।

  • ससुराल में आज़ादी खत्म होना
  • Patni से असत्यापुर्ति, घरेलू हिंसा का डर
  • करियर छोड़ने का दबाव
  • शादी का बोझ और दहेज का डर
  • नशा हो या मारपीट करनेवाला जीवनसाथी मिलने का डर

लड़कों की प्रमुख चिंताएं

  • आज़ादी छिनने का डर
  • जिम्मेदारियां निभाने की चिंता
  • पात्नी और माता-पिता के बीच सामंजस्य
  • घरेलू कलह या तलाक का डर
  • वैवाहिक जीवन में असफलता की आशंका

हैरान करने वाले केस बताए मनोचिकित्सकों ने

इस तरह की चिंताओं के कारण शादी से जुड़ी कई बातें महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

According to experts like डॉ. वैभव चतुर्वेदी और डॉ. कृष्णा मिश्रा, पहले यह समस्या महिलाओं में होती थी, लेकिन अब पुरुष भी एंजायटी डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं. 
केस 1 – 34 वर्षीय युवक इंदौर के निवासी एक युवक, राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद शादी से और भी डरने लगा और उसे लगा कि शादी के बाद उसका भी वही हश्र हो सकता है और 3 साल से एंजायटी का इलाज चल रहा था, पर काउंसलिंग के बाद वह लड़की देखने के लिए तैयार हुआ
Case 2 – 24 वर्षीय युवती दो साल काम कर रही थी, लेकिन शादी के बाद काम छोड़ना पड़ेगा और तनाव इतना बढ़ा गया कि उसने शादी से इनकार कर दिया पर काउंसलिंग में बात खुलने पर लड़के वालों ने कहा कि वे उसकी जॉब का समर्थन करेंगे फिर इसके बाद उनकी शादी तय हुई.
केस 3 – 36 वर्षीय युवक अपनी स्वतंत्रता खोने के डर से तीन साल तक शादी से इनकार करता रहा और दो से तीन सत्रों की काउंसलिंग के बाद वह शादी करने के लिए मान गया.
केस 4 – 28 वर्षीय युवती आर्थिक तंगी और महंगी शादी का डर उसे अनिद्रा और चिड़चिड़ाहट तक ले गया फिर परिवार ने सादगी से शादी की बात की, और सामूहिक विवाह में उसकी शादी कराई गई.

आखिर किस उम्र वर्ग में सबसे ज्यादा एंजायटी?

उम्र वर्गप्रतिशत
0–12 वर्ष1.8%
13–17 वर्ष7.1%
18–45 वर्ष74.8%
46–64 वर्ष13.3%
65+ वर्ष3%

माने डॉक्टरों की सलाह जल्दबाजी नहीं, मर्जी जरूरी है

विशेषज्ञों का मानना है कि विवाह के लिए मानसिक रूप से तैयार होना अत्यंत आवश्यक है क्योकि जब तक व्यक्ति स्वयं मन से तैयार न हो, शादी का दबाव मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है.

क्या समाधान है?

  • प्री-मैरिटल काउंसलिंग को बढ़ावा देना
  • परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना
  • शादी को “सोशल प्रेशर” न बनाकर “परस्पर निर्णय” बनाना
  • स्कूलों और कॉलेजों में भावनात्मक शिक्षा शुरू करना

शादी के निर्णय को लेकर सही जानकारी होना महत्वपूर्ण है।

शादी को लेकर विशेषज्ञों की सलाह महत्वपूर्ण होती है।

शादी से पहले मन की स्थिति का ध्यान रखना भी आवश्यक है।

शादी के बारे में सही निर्णय लेने के लिए विचार करना जरूरी है।

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