ताजमहल जैसी खूबसूरत जगह से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर उस इंसान को झकझोर के रख दिया है जिसके भीतर थोड़ी सी भी इंसानियत बची है यहां एक बुजुर्ग को उनके ही परिजनों ने कार में बंद करके छोड़ दिया और खुद आराम से ताजमहल घूमने निकल गए.
पार्किंग में संदिग्ध हालत में मिली कार
घटना ताजमहल के वेस्ट गेट की पार्किंग की है और वहां ड्यूटी पर तैनात एक सिक्योरिटी गार्ड को एक कार काफी देर से खड़ी दिखी और जब उसने झांककर अंदर देखा तो उसके होश उड़ गए क्योकी वहाँ एक बुजुर्ग व्यक्ति बेहोशी की हालत में कार के अंदर पड़े थे और उनके हाथ-पैर किसी कपड़े से बंधे हुए थे.
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शीशा तोड़कर निकाला गया बाहर
गार्ड ने तुरंत आसपास के स्टाफ को बुलाया और बिना समय गंवाए लोगों ने कार का शीशा तोड़ा और बुजुर्ग को बाहर निकाला और जैसे ही उन्हें बाहर निकाला गया तो किसी ने पानी पिलाया तो किसी ने एंबुलेंस को कॉल किया और पर बुजुर्ग की हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि वो ना बोल पा रहे थे और ना ही आंखें खोल पा रहे थे.
गर्मी में कार के अंदर घंटों बंद रहे बुजुर्ग
सोचिए 45 डिग्री तापमान में जब बाहर खड़ा रहना मुश्किल है तो कार के अंदर बंद रहना किसी सजा से कम नहीं होगा पर ऐसे में उनकी हालत खराब होना लाजमी थी और मौके पर पहुंची एंबुलेंस ने बुजुर्ग को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया.
महाराष्ट्र नंबर प्लेट और सरकारी स्टिकर
जिस कार से बुजुर्ग मिले हैं उस पर महाराष्ट्र की नंबर प्लेट थी और साथ ही उस पर महाराष्ट्र शासन का एक सरकारी स्टिकर भी चिपका हुआ था और कार की छत पर रसी से बंधा सामान यह साबित कर रहा था कि परिवार टूरिस्ट बनकर आया था.
प्रत्यक्षदर्शियों की आंखें भर आईं
मौके पर मौजूद टूरिस्ट गाइड मोहम्मद असलम ने बताया कि बुजुर्ग ना बोल पा रहे थे और ना ही खुद को हिला पा रहे थे और उनकी हालत देखकर किसी की भी आंख नम हो जाती और असलम ने कहा अगर ये लापरवाही नहीं है तो और क्या है? कोई अपने पिता या दादा के साथ ऐसा कैसे कर सकता है?
पुलिस जांच कर रही है
ताजगंज थाना प्रभारी कुंवर सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और फिलहाल कार के मालिक की तलाश की जा रही है यह लापरवाही से ज्यादा अमानवीयता लगती है की एक बुजुर्ग के हाथ-पैर बंधे मिले हैं जो इसे और गंभीर बना देता है वही पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगालना शुरू कर दिया है.
कानून तो सख्त है पर इंसानियत कहां है?
इस घटना ने एक बार फिर हमें ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वाकई इंसान हैं जो बुजुर्गों को बोझ समझने वाली मानसिकता अगर यूं ही बढ़ती रही तो समाज कहां जाएगा और पुलिस अगर जांच में यह साबित कर देती है कि यह जानबूझकर की गई हरकत थी तो संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त sections में केस दर्ज होगा.
आगरा में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब किसी पर्यटक की अमानवीय हरकत आगरा में सामने आई है वल्कि इससे पहले भी फतेहाबाद रोड, सिकंदरा और दयालबाग इलाके में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आ चुके हैं.