Sanchar Saathi app को लेकर उठ रहे snooping सवालों पर सरकार ने साफ कहा कि Sanchar Saathi app से जासूसी होना नामुमकिन है. क्या है इस ऐप की असल कहानी
केंद्र का साफ जवाब: Sanchar Saathi app से जासूसी नामुमकिन
Sanchar Saathi app 2025 पिछले कुछ दिनों से देश में एक ही सवाल बार-बार उठ रहा था कि क्या Sanchar Saathi app लोगों की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं और कई लोग इसे snooping app तक कहने लगे थे.
और इसी माहौल के बीच बुधवार को संसद में केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर साफ और दो टूक जवाब दे दिया.संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा कि Sanchar Saathi app को लेकर जो भी जासूसी वाले आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बिल्कुल गलत हैं.
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उन्होंने कहा कि इस Sanchar Saathi app 2025 के जरिए snooping होना ना तो संभव है और ना ही सरकार ऐसी किसी गतिविधि की इजाजत देगी. मंत्री ने यह भी कहा कि इस ऐप का मकसद सिर्फ जनता को सशक्त बनाना है ताकि लोग खुद को साइबर अपराधों और मोबाइल फ्रॉड से बचा सकें.
Sanchar Saathi app को लेकर बवाल क्यों मचा
Sanchar Saathi app विवाद तब शुरू हुआ जब दूरसंचार विभाग यानी DoT ने 28 नवंबर को एक आदेश जारी किया. इस आदेश में कहा गया कि देश में बिकने वाले हर मोबाइल फोन में Sanchar Saathi app पहले से इंस्टॉल होना चाहिए. और इतना ही नहीं, जो मोबाइल पहले से बाजार में हैं, उनमें भी यह ऐप software update के ज़रिए जोड़ने की बात कही गई. बस यहीं से लोगों को शक होना शुरू हुआ कि कहीं इस ऐप का इस्तेमाल निगरानी के लिए तो नहीं किया जाएगा.
लोगों का डर इस बात से भी बढ़ा कि शुरुआत में कुछ रिपोर्टों में यह लिखा गया कि इस ऐप को फोन से हटाया नहीं जा सकेगा. पर हालांकि बाद में मंत्री ने खुद कहा कि यह जानकारी गलत है.
सरकार का कहना: ऐप है पूरी तरह सुरक्षित
सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए सिंधिया ने साफ कहा कि Sanchar Saathi app एक voluntary सिस्टम है. यानी यह ऐप फोन में हो सकता है लेकिन इसका इस्तेमाल पूरी तरह यूजर की मर्जी पर है. अगर कोई व्यक्ति इस ऐप को नहीं रखना चाहता तो वह इसे आसानी से डिलीट कर सकता है. और उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद सिर्फ लोगों को वो टूल देना है जिससे वे खुद को सुरक्षित रख सकें.
बाहर मीडिया से बात करते हुए संचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने भी कहा कि Sanchar Saathi app को snooping app कहना गलत है. उनका कहना था कि अगर कोई इस ऐप को संदेह की नजर से देख रहा है तो पहले इसे डाउनलोड करके देखे. उन्होंने दावा किया कि साइबर फ्रॉड रोकने के बहुत कम तरीके हैं और Sanchar Saathi app उनमें से एक जरूरी तरीका है.
जनता को चाहिए सुरक्षित डिजिटल स्पेस
सरकार की तरफ से बार-बार कहा गया कि Sanchar Saathi app का असली उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. मंत्री ने कहा कि इस ऐप को सभी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध करवाया गया है ताकि गांव-कस्बों में रहने वाले लोगों को भी इसका फायदा मिले. और खास तौर पर बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे लोगों को डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने के लिए इसे विकसित किया गया है.
उन्होंने बताया कि Sanchar Saathi portal को 20 करोड़ के करीब विजिट मिल चुके हैं और अब तक 1.4 करोड़ लोग यह ऐप डाउनलोड कर चुके हैं. उनका कहना था कि अगर ऐप में कोई गड़बड़ होती तो Apple और Google इसे अपने स्टोर पर आने ही नहीं देते.
Sanchar Saathi app आखिर करता क्या है
Sanchar Saathi app की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आपके मोबाइल नंबर से जुड़ी सभी जानकारियां एक जगह दिखा देता है. अगर किसी ने आपकी ID पर फर्जी सिम निकलवा रखा है, तो यह ऐप तुरंत पता लगा लेता है. इसके साथ ही यह ऐप चोरी हुए या गुम हुए मोबाइल फोन को ट्रेस करने में भी मदद करता है.
यानी यह ऐप आपके फोन का पासवर्ड या फोटो या लोकेशन नहीं पढ़ता, और बल्कि सिर्फ सिम और मोबाइल कनेक्शन से जुड़े डेटा को ट्रैक करता है, जो पहले से ही टेलीकॉम नेटवर्क में मौजूद होता है. ऐप सिर्फ उसी डेटा को यूजर के सामने साफ-साफ तरीके से पेश करता है.
ऐप को अनइंस्टॉल करने की आज़ादी
मंगलवार को भी सिंधिया ने कहा था कि Sanchar Saathi app को फोन में रखना किसी के लिए भी अनिवार्य नहीं है. अगर यूजर चाहे तो उसे कभी भी हटाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट धोखाधड़ी बढ़ रही है और लोग हर रोज नए-नए जाल में फंस रहे हैं, और ऐसे में यह ऐप सिर्फ सुरक्षा की एक ढाल की तरह है.
छिड़ी बहस
Sanchar Saathi app पर छिड़ी बहस ने देश में फिर वही पुराना सवाल खड़ा कर दिया है—लोगों की डिजिटल सुरक्षा और निजता में सही संतुलन कैसे बने. सरकार का कहना है कि यह ऐप नागरिकों के हित में है और इससे जासूसी होना तकनीकी रूप से असंभव है. और दूसरी ओर, डिजिटल राइट्स एक्टिविस्ट चाहते हैं कि किसी भी ऐप को pre-install करने का आदेश देने से पहले सरकार जनता की चिंताओं को भी सुने.







