आगरा में यमुना नदी विकराल रूप में आ गई है और ताजमहल की पिछली दीवार तक पानी पहुंच गया है तथा निचले इलाकों के लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं.
यमुना का जलस्तर से बनी खतरे की स्थिति
आगरा इन दिनों यमुना नदी की तबाही से जूझ रहा है और लगातार बारिश और बैराजों से छोड़े गए पानी ने हालात बिगाड़ दिए हैं और Water Reached Taj Mahal की खबर ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है क्योंकि यमुना का पानी ताजमहल की पिछली दीवार से टकराने लगा है और गुरुवार शाम से ही नदी का जलस्तर अलर्ट लेवल पार कर चुका है और अब खतरे की घंटी बज चुकी है.
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शुक्रवार दोपहर तक जिला प्रशासन ने जानकारी दी कि यमुना वाटर वर्क्स पर नदी का जलस्तर 151.790 मीटर तक पहुंच गया है और जबकि अलर्ट लेवल 151.400 मीटर है यानी कि स्थिति पूरी तरह साफ दिख रही है और हालांकि खतरे का निशान 152.400 मीटर और फ्लड लेवल 154.760 मीटर है पर जिस तरह पानी लगातार बढ़ रहा है हालात गंभीर हो सकते हैं.
ताजमहल और एत्माउद्दौला पर असर
ताजमहल की खूबसूरती अब खतरे में है बता दें की पीछे की दीवार तक पानी पहुंच गया है और एत्माउद्दौला स्मारक के पीछे बने 12 कमरे आधे से ज्यादा डूब चुके हैं और ताज के व्यू पॉइंट तक पानी भर चुका है और वहीं मंटोला नाला बैक मारने से आगरा किला की खाई में करीब तीन फीट पानी भर गया है और यह नजारा साफ करता है कि यह स्थिति सिर्फ ताज तक सीमित नहीं है बल्कि शहर के ऐतिहासिक धरोहरों तक फैल रही है.
शहर के हालात और डूबे इलाके
आगरा का पोइया श्मशान घाट पूरी तरह डूब चुका है और ताजगंज क्षेत्र भी पानी में समा गया है और दयालबाग के अमर विहार से लेकर सिकंदरपुर रोड तक रास्तों पर पानी भर चुका है वहीं कैलाश मंदिर की सीढ़ियां तक डूब गई हैं और कई कॉलोनियों के लोग अब अपने घरों से निकलकर सुरक्षित जगहों की तलाश में हैं और Water Reached Taj Mahal के साथ-साथ पूरे आगरा शहर की बस्तियों में डर और अफरा-तफरी का माहौल है.
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लोग छोड़ रहे हैं घर
मनोहरपुर, खासपुर, जगनपुर, तनौरा, नूरपुर, विसारना, मोतीमहल, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती और टेढ़ी बगिया जैसे निचले इलाके पूरी तरह खाली हो रहे हैं और लोग अपने घर-बार छोड़कर रिश्तेदारों या प्रशासन द्वारा बनाए गए सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं और वहीं, एत्मादपुर, सदर, फतेहाबाद और बाह तहसील के 40 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं और जिला प्रशासन ने 18 गांवों को सबसे ज्यादा खतरे वाले इलाकों में चिन्हित किया है.
बैराजों से छोड़ा जा रहा पानी
हालात बिगड़ने की बड़ी वजह लगातार बैराजों से छोड़ा जा रहा पानी है और गुरुवार रात 8 बजे तक हथिनकुंड बैराज से 1,42,604 क्यूसेक, ओखला बैराज से 2,40,002 क्यूसेक और मथुरा के गोकुल बैराज से 1,07,944 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और इतना भारी जलप्रवाह सीधे यमुना में आकर आगरा को संकट की ओर धकेल रहा है अगर इसी तरह पानी छोड़ा जाता रहा तो आगे शहर के कई हिस्सों में भारी तबाही मच सकती है.
प्रशासन की तैयारी और चेतावनी
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और बाढ़ प्रभावित इलाकों में नावें तैनात की गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और प्रशासन का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यमुना नदी उफान पर रहेगी और लोगों को बेहद सतर्क रहना होगा. साथ-साथ यह खतरा पूरे आगरा शहर को प्रभावित कर सकता है.
बड़ी मुसीबत
आगरा इस समय बड़ी मुसीबत से गुजर रहा है क्योकी ताजमहल जैसी विश्व धरोहर तक पानी पहुंचना एक गंभीर चेतावनी है और Water Reached Taj Mahal केवल एक खबर नहीं है बल्कि यह संकेत है कि आने वाले दिनों में आगरा और आसपास के इलाके और ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं और लोगों को प्रशासन की सलाह माननी होगी और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी वहीं यमुना का यह विकराल रूप आगरा के लिए लंबे समय तक याद रखा जाएगा.