Petrol Bomb Kand से दहला मेरठ यूनिवर्सिटी, 5 छात्र स्थायी निष्कासित, 8 सस्पेंड

By Vipin Singh

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Petrol Bomb Kand

मेरठ यूनिवर्सिटी Petrol Bomb Kand में बड़ा एक्शन. DDU हॉस्टल से 5 छात्र स्थायी निष्कासित और 8 छात्रों को सस्पेंड किया गया. पुलिस जांच और छात्र विरोध से माहौल गरमाया.

मेरठ यूनिवर्सिटी Petrol Bomb Kand

मेरठ यूनिवर्सिटी पेट्रोल बम कांड ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) के डीडीयू हॉस्टल में हुई इस घटना ने प्रशासन और पुलिस दोनों को सकते में डाल दिया. रविवार की रात हॉस्टल के अंदर पेट्रोल बम फोड़ने की वारदात के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि विवि प्रशासन को जांच समिति बनानी पड़ी. देर शाम तक चली मीटिंग के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए पांच छात्रों को हमेशा के लिए निष्कासित कर दिया और आठ को एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया.

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जांच रिपोर्ट में खुलासा

जांच समिति ने पूरे दिन हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और छात्रों से पूछताछ की. रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि पांच छात्र सीधे तौर पर Petrol Bomb Kand फोड़ने में शामिल थे. वहीं आठ छात्र आरोपियों के साथ खड़े दिखाई दिए जिन्होंने इस घटना में सहयोग किया. रिपोर्ट सौंपते ही विवि प्रशासन ने बिना देरी के कार्रवाई का आदेश जारी किया. प्रशासन का कहना है कि यह सख्ती बाकी छात्रों के लिए चेतावनी है कि अनुशासनहीनता को किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

स्थायी निष्कासन और निलंबन की कार्रवाई

मेरठ यूनिवर्सिटी Petrol Bomb Kand के दोषी पांच छात्रों को हॉस्टल से स्थायी रूप से निष्कासित कर दिया गया है. आदेश में यह भी साफ किया गया है कि इन छात्रों को भविष्य में किसी भी हॉस्टल या यूनिवर्सिटी के किसी कार्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं आठ छात्रों को एक महीने के लिए सस्पेंड किया गया है. इन सभी की सिक्योरिटी मनी जो करीब 26 हजार रुपये है जब्त की जाएगी.

पढ़ाई पर रोक नहीं, पर निगरानी सख्त

हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन छात्रों की पढ़ाई पर फिलहाल रोक नहीं लगाई है. कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में सोमवार को अंतिम फैसला लिया जाएगा. विवि सूत्रों के मुताबिक अब हर हॉस्टल में निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और एंट्री-एग्जिट पर CCTV मॉनिटरिंग बढ़ाई जाएगी.

पुलिस की एंट्री से भड़के छात्र

Petrol Bomb Kand घटना के बाद पुलिस ने रविवार सुबह बीटेक के एक छात्र को हिरासत में लिया जबकि दूसरा फरार हो गया. पुलिस जब अचानक हॉस्टल में पहुंची तो छात्रों ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि बिना विवि प्रशासन की अनुमति के पुलिस को हॉस्टल में घुसने का अधिकार नहीं है. इस पर विवि प्रशासन ने साफ किया कि उन्होंने कोई लिखित रिपोर्ट नहीं दी थी बल्कि यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन के आदेश पर हुई.

छात्र नेताओं की एंट्री

मेरठ यूनिवर्सिटी Petrol Bomb Kand के बाद छात्र राजनीति भी गर्मा गई. छात्र नेता आदेश प्रधान, विनीत चपराना और अक्षय बैंसला ने विवि प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की. उनका कहना था कि सभी 200 छात्रों को एक साथ दोषी ठहराना गलत है. जो असल में शामिल थे, कार्रवाई सिर्फ उन्हीं पर होनी चाहिए. इसी बीच एडवोकेट आदेश प्रधान और दक्ष पुरी ने पुलिस हिरासत में लिए गए छात्र की जमानत कराई जिसे धारा 151 के तहत राहत मिली.

माहौल अब भी तनावपूर्ण

यूनिवर्सिटी कैंपस में सोमवार सुबह तक तनाव का माहौल बना हुआ था. कई छात्र अब भी पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर नाराज हैं. वहीं कुलपति कार्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना दोबारा न हो.

विवि प्रशासन का संदेश

विवि प्रशासन ने इस पूरे मामले पर सख्त बयान देते हुए कहा कि “कानून हाथ में लेने वालों के लिए कोई जगह नहीं है. यूनिवर्सिटी ज्ञान का मंदिर है, न कि हिंसा का अड्डा.” मेरठ यूनिवर्सिटी Petrol Bomb Kand के बाद अब हर हॉस्टल में सख्त सुरक्षा नियम लागू करने की तैयारी है. प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ सजा नहीं बल्कि बाकी छात्रों को सबक देने का कदम है.

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