मेरठ कबाड़ी बाजार में पुलिस ने 4 कोठों पर छापा मारके 21 युवतियां और 10 युवक गिरफ्तार किए हैं ,दिल्ली के NGO मिशन मुक्ति फाउंडेशन की शिकायत पर हुई कार्रवाई.
4 कोठों से 21 युवतियां और 10 युवक गिरफ्तार
मेरठ का कबाड़ी बाजार गुरुवार देर रात अचानक पुलिस छापेमारी की वजह से सुर्खियों में आ गया और चार कोठों पर एक साथ दबिश दी गई और यहां से 21 युवतियों के साथ-साथ 10 युवकों को भी गिरफ्तार किया गया है इनमें से 5 तो दलाल और 5 ग्राहक शामिल थे और यह कार्रवाई दिल्ली स्थित NGO मिशन मुक्ति फाउंडेशन की शिकायत पर हुई है जिसने SSP डॉक्टर विपिन ताडा को इस अवैध गतिविधि की जानकारी दी थी.
NGO की शिकायत और कार्रवाई की शुरुआत
दिल्ली के मिशन मुक्ति फाउंडेशन ने जब हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मेरठ कबाड़ी बाजार में फिर से देह व्यापार शुरू होने की शिकायत की है तो मामला तेजी से उठा और NGO के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कुछ साल पहले कोर्ट के आदेश पर यहां के सभी कोठे बंद कराए गए थे और उसी दौरान कोठा संचालिकाओं ने शपथपत्र देकर कहा था कि वे अब इस धंधे से दूर रहेंगी और कोर्ट ने भी केवल नाच-गाने और सांस्कृतिक गतिविधियों तक कोठों को सीमित करने की इजाजत दी थी.
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पर हाल ही के दिनों में लगातार खबरें आने लगीं कि फिर से उसी पुराने धंधे की वापसी हो गई है और इसे काफी गंभीरता से लेते हुए NGO ने सीधे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक से संपर्क किया और इसके बाद एस.एस.पी मेरठ को पत्र भेजा गया और कार्रवाई की मांग की गई.
पुलिस की 40 सदस्यीय टीम की छापेमारी
शिकायत पर SSP डॉक्टर विपिन ताडा ने तुरंत एक 40 सदस्यीय टीम बनाई जिसमें एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) को भी शामिल किया गया था और टीम की कमान सीओ कैंट नवीना शुक्ला को सौंपी गई तथा गुरुवार देर रात जब पुलिस टीम कबाड़ी बाजार पहुंची तो चार कोठों पर एक साथ दबिश दी गई.
छापेमारी के दौरान 21 युवतियां मिलीं हैं जिनमें से कुछ नाबालिग थीं व इनके अलावा मौके से 10 युवक भी गिरफ्तार हुए हैं और पुलिस ने यह भी बताया है कि पकड़े गए युवकों में पांच दलाल और पांच ग्राहक शामिल थे और साथ ही चारों कोठों की संचालिकाओं को भी गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.
पकड़ी गई युवतियां अलग-अलग राज्यों से
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि पकड़ी गई महिलाएं और किशोरियां नेपाल, दार्जिलिंग, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लाई गई थीं और इनमें से कई को काम का झांसा देकर यहां लाया गया था और मजबूरी में उन्हें इस धंधे में धकेला गया था और छापे के दौरान छोटे बच्चों को भी कोठों के अंदर पाया गया था जिन्हें सुरक्षित ठिकाने पर भेजने की तैयारी की जा रही है.
पुलिस चौकी के पास ही चलता रहा धंधा
इस कार्रवाई के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि आखिर पुलिस चौकी के ठीक पास यह धंधा इतने लंबे समय से कैसे चल रहा था और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद यहां देह व्यापार खुलेआम फल-फूल रहा था फिर भी छापे के दौरान आसपास के लोग भी मौके पर जुटे और उन्होंने पुलिस को कटघरे में खड़ा किया.
मुकदमा दर्ज और आगे की कार्यवाही
एस.एस.पी डॉक्टर विपिन ताडा ने स्पष्ट किया कि पकड़ी गई सभी महिलाओं और युवकों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है व नाबालिगों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू होगी फिर बच्चों को भी तुरंत सुरक्षित जगह भेजने के आदेश दिए गए हैं.
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NGO की भूमिका और हाईकोर्ट का आदेश
दिल्ली का NGO मिशन मुक्ति फाउंडेशन पिछले लंबे समय से इस मामले पर नजर रखे हुए था और उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मेरठ कबाड़ी बाजार में फिर से अवैध गतिविधियां शुरू हो गई थीं और संगठन ने इसे मानव तस्करी और महिलाओं की जबरन दलाली का गंभीर मामला मानते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक आवाज पहुंचाई.
बातचीत का मुद्दा बना छापा
यह छापेमारी अब मेरठ शहर में बड़ी चर्चा का विषय बन चुकी है जहाँ लोग सवाल उठा रहे हैं कि हाईकोर्ट के आदेश और पुलिस चौकी की मौजूदगी के बावजूद कैसे यह धंधा चलता रहा और दूसरी ओर पुलिस का दावा है कि अब मामले में सख्त कार्रवाई होगी और किसी को बख्शा नहीं जाएगा.