बारूद के ढेर पर बैठा Lucknow का बेहटा गांव, पटाखों से उड़ रही जिंदगी 2025

By Shiv

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बारूद के ढेर पर बैठा Lucknow का बेहटा गांव, पटाखों से उड़ रही जिंदगी 2025

लखनऊ का बेहटा गांव पटाखा विस्फोट के बाद खौफ में है। तीन लाइसेंस के नाम पर आधा गांव पटाखा बना रहा है। धमाकों में दो की मौत और कई घायल हुए

हादसे ने दहला दिया गांव

लखनऊ का बेहटा गांव पटाखा विस्फोट रविवार को ऐसा हुआ जिसने पूरे इलाके को हिला कर दियासनऔर आलम नाम के शख्स के घर में अचानक बारूद फट पड़ा और धमाके ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया और आलम और उनकी पत्नी मुन्नी की मौके पर मौत हो गई. आसपास के घरों की दीवारें फट गईं और कई मकान मलबे में बदल गए और लोग चीखते-चिल्लाते बाहर भागे.

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गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि धमाका इतना तेज था कि चार किलोमीटर दूर तक उसकी आवाज गूंजी और यह हादसा सिर्फ एक घर की कहानी नहीं है बल्कि पूरे गांव की उस खतरनाक सच्चाई को सामने लाता है जिसमें हर घर पटाखों का छोटा कारखाना बना हुआ है.

लाइसेंस तीन लेकिन काम आधे गांव का

पुलिस जांच में सामने आया कि पूरे बेहटा गांव में पटाखा बनाने का लाइसेंस सिर्फ तीन लोगों के पास है पर ground reality यह है कि आधे से ज्यादा गांव इस काम में लगा हुआ है और यासीन, बारिस और अफजल के नाम पर लाइसेंस हैं मगर पटाखे बनते हर गली-मोहल्ले में हैं.

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ग्रामीणों का आरोप है कि लाइसेंसधारी अपने नाम का फायदा उठाकर बाकी लोगों से पटाखे बनवाते हैं और यहां तक कि शक यह भी है कि बाहर से कुछ व्यापारी बारूद सप्लाई करते हैं और गांव वालों को मजदूरी देकर पटाखे तैयार करवाते हैं और ऐसे में गांव किसी ticking time bomb से कम नहीं है.

दूसरी जगह भी धमाका

रविवार की शाम करीब 6:30 बजे सेमरा भुइयां मंदिर के पास एक और धमाका हुआ था पर वहां एक कमरे में पटाखों का स्टॉक रखा गया था जो अचानक फट गया और आवाज इतनी तेज थी कि गांव से बाहर तक लोग दहशत में आ गए.

इस धमाके ने इंसानों के साथ-साथ जानवरों की भी जान ले ली और मिश्रपुर डिपो निवासी मुन्नू की गाय मर गई और उनकी भैंस बुरी तरह घायल हो गई और मुन्नू बताते हैं कि उनकी भैंस का बच्चा गोदाम के शटर के साथ उड़कर करीब सौ मीटर दूर जा गिरा और सोचकर ही रूह कांप जाती है कि अगर इंसान वहां होता तो उसका क्या हाल होता.

हादसे से टूटी कई जिंदगियां

लखनऊ का बेहटा गांव पटाखा विस्फोट ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है और ई-रिक्शा चालक महबूब का घर पूरी तरह मलबे में बदल गया. महबूब रोते हुए कहते हैं कि अगर वह अपने परिवार को बाराबंकी नहीं ले गए होते तो आज शायद सबकी लाशें इसी मलबे में होतीं.

अजीज का परिवार भी इस हादसे में बर्बाद हुआ था और उनकी बेटी हूरजहां के सिर पर 20 टांके आए हैं और हालत इतनी खराब है कि उसे लगातार उल्टियां हो रही हैं और हादसे के बाद पूरा परिवार भूखे-प्यासे तिरपाल के नीचे रात बिताने को मजबूर रहा और अजीज ने बताया कि अगले दिन बाजार से केले लाकर बच्चों को खिलाए, तब जाकर भूख शांत हुई.

पुलिस का सर्च ऑपरेशन

धमाके के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया और सोमवार को डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह, एडीसीपी पंकज, एसीपी अनिग्ध विक्रम सिंह, बम निरोधक दस्ते और फायर ब्रिगेड की टीम गांव पहुंची. कई ठिकानों पर छापेमारी हुई.

नसीम, शेरू और अली अकबर के घरों से भारी मात्रा में बारूद और पटाखा बनाने का सामान मिला था और अफसरों ने साफ कहा कि अब जांच इस बात पर है कि कहीं लाइसेंसधारी खुद पटाखे न बनवाकर दूसरों से तो नहीं बनवा रहे और साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में बारूद आखिर आ कहां से रहा है.

सड़क पर बिखरा बारूद

धमाकों के बाद कई पटाखा व्यापारी अपने घरों से गोला-बारूद निकालकर सड़क पर फेंकते देखे गए और सड़क पर बिखरा बारूद देखकर ग्रामीण और ज्यादा डर गए है और हर कोई कह रहा है कि यह गांव अब बारूद के ढेर पर बैठा है और कभी भी बड़ा धमाका फिर हो सकता है.

गांव में खौफ का माहौल

आज हालत यह है कि बेहटा गांव का हर परिवार डरा-सहमा है और लोग कहते हैं कि बच्चे बाहर खेलने तक से डर रहे हैं और हर किसी को यही डर है कि अगला धमाका कहीं और ना हो जाऐ और

लखनऊ का बेहटा गांव पटाखा विस्फोट ने यह साफ कर दिया है कि यहां सुरक्षा के सारे दावे खोखले हैं और अगर समय रहते प्रशासन ने कड़ा एक्शन नहीं लिया तो यह गांव ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके भी खतरे में आ सकते हैं.

बेहटा गांव पटाखा विस्फोट

लखनऊ का बेहटा गांव पटाखा विस्फोट केवल एक हादसा नहीं है बल्कि उस पूरे सिस्टम की पोल खोलता है जिसमें नियमों की धज्जियां उड़ाकर गांव-गांव पटाखे बनाए जा रहे हैं और सवसे बडा सवाल यह है कि तीन लाइसेंस की आड़ में आधा गांव कैसे बारूद पर खेल रहा है. अब लोगों को उम्मीद है कि इस हादसे के बाद सरकार और पुलिस सख्त कदम उठाएगी ताकि आगे कोई परिवार ऐसी बर्बादी का शिकार न हो.

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