Karwa Chauth 2025 पर ऐसे करें पूजा पूरी विधि, सही मुहूर्त और आसान तरीका

By Vipin Singh

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Karwa Chauth 2025

Karwa Chauth 2025 पर सही पूजा विधि जानिए। इस दिन कैसे करें व्रत, कौन-सा मुहूर्त रहेगा शुभ और कौन-सी चीजें पूजा में जरूरी हैं. आसान भाषा में

करवा चौथ 2025 का महत्व

भारत में Karwa Chauth 2025 सिर्फ एक व्रत नहीं बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते की गहराई का प्रतीक माना जाता है इस साल Karwa Chauth 2025 पर ऐसे करें पूजा पूरी विधि, सही मुहूर्त और आसान तरीकाहै. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी इसका उत्साह वैसा ही है जैसा पहले था.

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करवा चौथ की पूजा का सही समय

इस साल Karwa Chauth 2025 की चतुर्थी तिथि 10 अक्टूबर की सुबह 6:15 बजे से शुरू होकर रात 8:55 बजे तक रहेगी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:45 से 7:10 बजे तक रहेगा. वहीं चंद्रोदय यानी चांद निकलने का अनुमानित समय 8:42 बजे रात का बताया गया है. इसी समय महिलाएं अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत तोड़ती हैं.

करवा चौथ की पूजा के लिए जरूरी सामान

Karwa Chauth 2025 की पूजा में कई जरूरी चीजों की आवश्यकता होती है. इनमें करवा, छलनी, दीया, रोली, चावल, मिठाई, लाल चुनरी, मिट्टी या पीतल का करवा, पानी का लोटा, गंगाजल, सोलह श्रृंगार की सामग्री, और चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली शामिल है इसके अलावा भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर पूजा में रखनी चाहिए.

सुबह की तैयारी और सरगी की परंपरा

करवा चौथ की शुरुआत सुबह-सुबह सरगी से होती है. यह वह भोजन है जो सास अपनी बहू को सूर्योदय से पहले देती है और सरगी में फल, मिठाई, मेवे और नारियल शामिल होते हैं और इसे खाकर महिलाएं पूरे दिन का व्रत रखती हैं और इस दौरान पानी तक नहीं पीया जाता और यह परंपरा मां सास के आशीर्वाद और बहू के प्रेम का प्रतीक है.

दिनभर व्रत और श्रद्धा

दिनभर महिलाएं अपने घर के कामकाज निपटाकर पूजा की तैयारी करती हैं वे सोलह श्रृंगार करती हैं, नई साड़ी या पारंपरिक पोशाक पहनती हैं और करवा चौथ की कथा सुनती हैं और कई जगह महिलाएं एक साथ बैठकर कथा का पाठ करती हैं पर कथा में बताया जाता है कि कैसे वीरावती नाम की एक स्त्री ने अपने पति के लिए यह व्रत रखा था और अपनी गलती के कारण उन्हें खो दिया पर अपनी भक्ति से फिर उन्हें वापस पाया. यह कहानी हर महिला को यह सिखाती है कि आस्था और प्रेम में कितनी शक्ति होती है.

करवा चौथ की पूजा विधि

शाम के समय महिलाएं Karwa Chauth 2025 की पूजा शुरू करती हैं। सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करके चौकी पर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति रखी जाती है। फिर दीप जलाया जाता है और हाथ में करवा लेकर व्रत की कथा सुनी जाती है। पूजा के दौरान महिलाएं करवा में पानी, चावल और मिठाई चढ़ाती हैं। कथा के बाद वे एक-दूसरे को करवा देकर आशीर्वाद लेती हैं।

जब चांद निकल आता है, तो महिलाएं छलनी से चांद को देखती हैं और फिर अपने पति को उसी छलनी से देखते हुए उनके हाथ से जल ग्रहण करती हैं। इसके बाद व्रत खुलता है और परिवार में खुशी का माहौल बन जाता है।

चांद देखने का समय और नियम

Karwa Chauth 2025 की पूजा में चांद देखने का बड़ा महत्व होता है और जब तक चांद नहीं निकलता, तब तक महिलाएं व्रत नहीं तोड़तीं हैं और इस साल चांद लगभग 8:42 बजे रात को निकलने की संभावना है पर महिलाएं थाली में दीप, मिठाई और जल लेकर बालकनी या खुले आकाश के नीचे जाती हैं और पहले चंद्रमा को जल अर्पित किया जाता है, फिर पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोला जाता है.

पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें

Karwa Chauth 2025 की पूजा के दौरान कुछ नियमों का पालन करना शुभ माना गया है और व्रत के दौरान झूठ न बोलें, किसी से विवाद न करें और दिनभर सच्चे मन से भगवान से प्रार्थना करें और पूजा के बाद अपने बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें और इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है.

करवा चौथ का सामाजिक महत्व

Karwa Chauth 2025 सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी बहुत मायने रखता है और इस दिन महिलाएं अपने रिश्तों को और मजबूत करती हैं पर परिवार एक साथ बैठकर इस दिन का आनंद लेता है और कई जगहों पर पति भी पत्नी के साथ उपवास रखते हैं ताकि वे समानता और प्रेम का संदेश दे सकें.

स्त्री के लिए बेहद खास दिन

Karwa Chauth 2025 हर विवाहित स्त्री के लिए बेहद खास दिन है और यह व्रत सिर्फ पति की लंबी उम्र के लिए नहीं बल्कि आपसी प्रेम और विश्वास की डोर को मजबूत करने का प्रतीक है पर इस बार अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो इस पूजा विधि को अपनाएं और सच्चे मन से माता पार्वती और भगवान शिव से आशीर्वाद मांगें और निश्चित ही आपके जीवन में सुख, समृद्धि और प्यार बढ़ेगा.

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