Congress Questions Gyanesh Kumar’s Appointment as CEC: ‘Trying to Circumvent Supreme Court’s Scrutiny?’
कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त करने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताया है। पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार ने इस नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी से बचने की कोशिश की। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह संविधान की भावना के खिलाफ है और इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।

🏛 केंद्र सरकार को सुनवाई तक रुकना चाहिए था – कांग्रेस
Congress General Secretary KC Venugopal ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति के लिए संशोधित कानून लागू करके चुनाव आयुक्तों की चयन समिति से मुख्य न्यायाधीश (CJI) को हटा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को 19 फरवरी (बुधवार) को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था।
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➡️ कांग्रेस का आरोप:
- सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही चयन प्रक्रिया पूरी कर ली।
- निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए CEC का स्वतंत्र होना जरूरी है।
- जल्दबाजी में फैसला लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी को टालने की कोशिश की गई।
Venugopal ने कहा कि इस तरह की जल्दबाजी से सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है।
🗣 राहुल गांधी का विरोध और विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, जो चयन पैनल के सदस्य भी हैं, ने इस फैसले का विरोध किया। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी होने तक नियुक्ति को रोकना चाहिए था।
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🔹 बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में हुई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल थे।
🔹 राहुल गांधी ने इस फैसले के समय पर सवाल उठाते हुए आधिकारिक असहमति पत्र (Dissent Note) दिया।
🔹 कांग्रेस ने कहा कि यह फैसला चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को नुकसान पहुंचा सकता है।
👤 कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी हैं। इससे पहले वे सहकारिता मंत्रालय में सचिव थे और गृह मंत्रालय में भी विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं।
➡️ महत्वपूर्ण भूमिकाएँ:
- 2016-2021 तक गृह मंत्रालय में विभिन्न पदों पर कार्य किया।
- जम्मू-कश्मीर डेस्क के प्रमुख रहे जब 2019 में अनुच्छेद 370 हटाया गया।
- 2024 में चुनाव आयुक्त बने और अब मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए।
📌 उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।
🔚 निष्कर्ष: क्या सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही फैसला लिया?
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कांग्रेस का मानना है कि CEC की नियुक्ति में पारदर्शिता होनी चाहिए, लेकिन सरकार ने इसे जल्दबाजी में किया, जिससे विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा बताया। अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर क्या फैसला देता है।
📌 क्या आपको लगता है कि सरकार का यह फैसला सही था? हमें अपने विचार बताएं! 🗳
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