गुरु पूर्णिमा पर सिर्फ शुभकामना भेजना काफी नहीं होता है अगर आप इस दिन सच में कोई पुण्य कमाना चाहते हैं तो आपको एक बहुत जरूरी बात ध्यान रखनी चाहिए की इस दिन वेदव्यास जी की पूजा जरूर करनी चाहिए और यही वो देवता हैं जिनकी वजह से हमें वेद, पुराण और महाभारत जैसी महान बातें जानने को मिलीं हैं और इन्हीं को आदि गुरु भी कहा गया है और इसलिए अगर आप सिर्फ फोटो डालकर या मैसेज भेजकर आगे बढ़ गए तो असली फायदा नहीं मिलेगा नीचे बताया गया है कि इस दिन आपको क्या-क्या करना चाहिए और कैसे.
सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें
अगर हो सके तो सूरज निकलने से पहले स्नान करें और बाल्टी के पानी में थोड़ा गंगाजल डाल सकते हैं नहाते समय मन में गुरु मंत्र का जाप करें.
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
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अब वेदव्यास जी की पूजा करें
घर में अगर उनकी फोटो या मूर्ति हो तो बहुत अच्छा है वरना आप किसी किताब या कलम को प्रतीक मानकर भी पूजा कर सकते हैं फूल, चावल, चंदन, दीपक और अगरबत्ती लगाएं और थोड़ा गुड़ या कोई फल अर्पण करें फिर व्यासाय विष्णुरूपाय मंत्र बोलते हुए प्रणाम करें.
अपने गुरु को याद करें
अगर वो जिंदा हैं तो उन्हें कॉल करके धन्यवाद जरूर कहिए और अगर आस-पास हों तो जाकर चरण स्पर्श करें और अगर नहीं हैं तो उनके नाम पर एक दिया जलाएं और उन्हें मन से प्रणाम करें.
गुरु गीता का पाठ करें या कुछ देर ध्यान करें
जरूरी नहीं कि पूरी गीता पढ़ें आप चाहें तो 15-20 मिनट शांत बैठकर उनके बताए रास्ते पर मनन कर सकते हैं और गुरु के कहे हुए किसी एक वाक्य को दोहराइए और सोचिए कि आपने उसे अपने जीवन में कितना अपनाया.
किसी जरूरतमंद की मदद करें
कोई गरीब बच्चा दिखे तो उसे आप फल दे सकते हैं और किसी मंदिर में जाकर थोड़ा सा अन्न या मिठाई चढ़ा सकते हैं क्योकि ये छोटी-छोटी चीजें ही असली गुरु-दक्षिणा होती हैं.
कोई एक अच्छी आदत शुरू करें
गुरु पूर्णिमा सिर्फ अतीत को धन्यवाद कहने का नहीं है भविष्य को बेहतर बनाने का दिन भी है और कोई एक आदत चुनिए जैसे गुस्सा कम करना, समय की कदर करना, या झूठ बोलना छोड़ना और उस आदत को अपने गुरु को समर्पित करके निभाइए.