Fake Adhar Card Network लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला केस में बढ़ी हलचल

By Vipin Singh

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Fake Adhar Card Network

लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला की पूछताछ में बड़ा खुलासा, Fake Adhar Card Network गिरोह से जुड़े 10 लोग ATS के रडार पर, अवैध घुसपैठ नेटवर्क की गहराई से जांच

शुरू हुआ लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला का मामला

Fake Adhar Card Network लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला का मामला 29 नवंबर को सामने आया, जब ATS ने ठाकुरगंज इलाके से एक संदिग्ध महिला को हिरासत में लिया। शुरुआत में महिला ने खुद को निर्मला देवी बताया और भारतीय नागरिक होने का दावा किया। लेकिन जब एजेंसियों ने दस्तावेजों की गहराई से जांच की, तो उसकी कहानी में कई झोल नजर आने लगे।

सख्त पूछताछ के बाद महिला टूट गई और उसने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेश की नागरिक है। उसका असली नाम नरगिस अख्तर है और वह अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुई थी। पहचान छिपाने के लिए उसने फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाए थे।

ठाकुरगंज में ऐसे रह रही थी फर्जी पहचान के सहारे

Fake Adhar Card Network महिला ठाकुरगंज इलाके में किराए के मकान में रह रही थी। वह खुद को निर्मला देवी बताकर सामान्य घरेलू महिला की तरह जीवन जी रही थी। पड़ोसियों को भी उस पर कोई शक नहीं हुआ क्योंकि उसका व्यवहार पूरी तरह सामान्य था।

यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को गंभीर मान रही हैं। एजेंसियों का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई न होती, तो वह लंबे समय तक फर्जी पहचान के सहारे रह सकती थी।

पूछताछ में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

पूछताछ के दौरान लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला के पास से तीन फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए। हर कार्ड पर अलग नाम और अलग पता दर्ज था। इससे साफ हो गया कि वह बार-बार पहचान बदलने की रणनीति पर काम कर रही थी।

Fake Adhar Card Network महिला ने यह भी बताया कि उसने भारत में रहने के लिए जानबूझकर ऐसे दस्तावेज बनवाए, जिससे कोई शक न हो। उसने माना कि फर्जी आधार कार्ड के बिना भारत में टिक पाना मुश्किल था।

हरिओम आनंद तक कैसे पहुंची ATS

Fake Adhar Card Network महिला से मिली जानकारी के आधार पर ATS ने गोसाईगंज के रसूलपुर बेगरिया निवासी हरिओम आनंद को गिरफ्तार किया। लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला ने बताया कि लखनऊ आने के बाद उसकी मुलाकात हरिओम से हुई थी।

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हरिओम ने पैसों के बदले उसके लिए जाली आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र तैयार करवाए थे। जांच में पता चला कि हरिओम मूल रूप से बलिया जिले का रहने वाला है और दस्तावेजों में हेरफेर करने का उसे अनुभव है।

फर्जी आधार कार्ड सिंडिकेट की आशंका

सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि हरिओम आनंद सिर्फ एक कड़ी है। लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला का मामला एक बड़े फर्जी आधार कार्ड सिंडिकेट की ओर इशारा कर रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस नेटवर्क के जरिए कई अवैध प्रवासियों को भारतीय दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं।

Fake Adhar Card Network यही कारण है कि ATS और खुफिया एजेंसियां अब सिर्फ दो आरोपियों तक सीमित नहीं हैं। पूरे नेटवर्क की परतें खोलने की कोशिश चल रही है।

10 और संदिग्ध मददगार एजेंसियों के रडार पर

जांच में सामने आया है कि लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला की मदद करने वाले कम से कम 10 और लोग सक्रिय हो सकते हैं। इन सभी को सुरक्षा एजेंसियों ने रडार पर ले लिया है।

सूत्रों के अनुसार, ये लोग रहने की व्यवस्था, दस्तावेज बनवाने और पहचान छिपाने में मदद करते थे। एजेंसियां इन सभी से जल्द पूछताछ करने की तैयारी में हैं।

वजीरगंज से पकड़े गए बांग्लादेशी से होगी पूछताछ

Fake Adhar Card Network इस मामले में एक और अहम कड़ी जुड़ने वाली है। वजीरगंज से पकड़े गए एक अन्य बांग्लादेशी नागरिक से जल्द पूछताछ की जाएगी। एजेंसियों को उम्मीद है कि इससे फर्जी आधार कार्ड नेटवर्क के और नाम सामने आ सकते हैं।

लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला ने भी संकेत दिए हैं कि वह अकेली नहीं थी और कई लोग इस पूरे सिस्टम का हिस्सा हैं।

सुरक्षा एजेंसियों के लिए क्यों गंभीर है यह मामला

Fake Adhar Card Network में अधिकारियों का कहना है कि फर्जी आधार कार्ड सिर्फ पहचान का मामला नहीं है। यह देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। गलत हाथों में ऐसे दस्तावेज पहुंचने से अपराध, घुसपैठ और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।

Fake Adhar Card Network इसी वजह से लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला का केस अब हाई प्रायोरिटी पर रखा गया है।

बड़ा एक्शन

फिलहाल ATS, पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर कॉल डिटेल, लेनदेन और पुराने संपर्कों की जांच कर रही हैं। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है। Fake Adhar Card Network

लखनऊ से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला का यह मामला आने वाले समय में फर्जी आधार कार्ड नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की वजह बन सकता है।

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