मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली फिर एक बार चर्चा में है अबकी बार एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे पढ़कर हर कोई हैरानी से चौंक रहा है जी हाँ हम बात कर रहें हैं खरगोन जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जिन्होने पांच महीने पहले ही मरने वाले एक ऐसे शिक्षक का ट्रांसफर कर दिया.
फरवरी में निधन शिक्षक का अब ट्रांसफर आदेश
जानकारी के मुताबिक, प्राथमिक विद्यालय भगवानपुरा में कार्यरत शिक्षक पूनम सिंह रावत का 11 फरवरी 2025 को ही निधन हो गया था और लेकिन इसके बाद भी शिक्षा विभाग ने उनका तबादला झिरन्या ब्लॉक में कर दिया और यही आदेश तब सामने आया जब विभाग ने तबादलों की सूची जारी की.
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अफसरों की लापरवाही पर उठे सवाल
यह कोई एकल मामला नहीं है जो इसी लिस्ट में निलंबित शिक्षक दिनेश पटेल का भी तबादला कर दिया गया है पर सवाल यह है कि विभाग बिना जांच-पड़ताल के ही तबादलों की फाइलें साइन कर देता है लेकिन मरे हुए शिक्षक को दूसरी जगह पोस्ट करना विभाग की गंभीर लापरवाही को सामने लाता है.
विभाग की हुई किरकिरी
सामने आने के बाद ही मामले का यह मामला विभाग की साख को सवालों में डालने लगा है पर लोग सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि क्या अब मृत शिक्षक स्कूल चलकर बच्चों को पढ़ाएंगे? यह मामला साफ तौर पर यह दिखाता है कि विभागीय स्तर पर डाटा की मॉनिटरिंग और फील्ड वेरिफिकेशन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
सवालों के घेरे में आई तबादला नीति
प्रदेश में जारी नई तबादला नीति के तहत कई कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया है, लेकिन इस तरह की घटनाएं नीति की गंभीरता पर सवाल खड़े कर रही हैं और विभाग की ओर से अब तक इस लापरवाही के बारे में कोई औपचारिक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है.