CM Yogi Security Breach 2025: हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई. खुद को पत्रकार बताने वाले संदिग्ध
घटना का पूरा मामला
CM Yogi Security Breach 2025 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में रविवार को हापुड़ में बड़ी चूक देखने को मिली. कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे सीएम योगी के कार्यक्रम के दौरान कुछ संदिग्ध व्यक्ति खुद को पत्रकार बताकर सुरक्षा घेरे में घुस गए. उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को यह कहकर चकमा दिया कि वे लाइव कवरेज करने आए हैं और न्यूज चैनल के लिए फुटेज लेना चाहते हैं.
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CM Yogi Security Breach 2025 प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह लोग कैमरा और माइक लेकर पहुंचे थे. उन्होंने गंगा घाट तक पहुंचने की कोशिश की और कुछ तो सीएम के करीब जाने लगे. हालांकि सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उन्हें रोक लिया, लेकिन तब तक सुरक्षा में सेंध लग चुकी थी. यह घटना सीएम की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है.
लाइव कवरेज के बहाने मिली एंट्री
CM Yogi Security Breach 2025 के पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ये संदिग्ध व्यक्ति बड़ी चालाकी से खुद को पत्रकार बता रहे थे. उन्होंने कहा कि वे “लाइव कवरेज चला रहे हैं” और न्यूज रिपोर्टिंग के लिए घाट पर जाना जरूरी है. और सुरक्षाकर्मियों को लगा कि वे किसी मीडिया हाउस से जुड़े हैं, इसीलिए उन्हें प्रवेश मिल गया.
बाद में जब यह पता चला कि इनकी पहचान की कोई पुष्टि नहीं की गई थी और मीडिया पास भी फर्जी था, तो पुलिस और प्रशासन दोनों के होश उड़ गए. और यह घटना सुरक्षा में गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करती है.
मुख्यमंत्री कार्यालय में मचा हड़कंप
CM Yogi Security Breach 2025 की घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल सख्त रुख अपनाया. लखनऊ से आदेश जारी हुए कि इस मामले की जांच तुरंत शुरू की जाए. मुख्यमंत्री कार्यालय ने साफ कहा है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस घटना में शामिल हर व्यक्ति की पहचान की जाए और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए.
खुफिया एजेंसियां और एलआईयू सक्रिय
CM Yogi Security Breach 2025 में जैसे ही सुरक्षा में सेंध की खबर फैली, राज्य की खुफिया एजेंसियां और एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) सक्रिय हो गईं और लखनऊ से लेकर हापुड़ तक जांच का दायरा बढ़ाया गया है. एलआईयू से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है कि आखिर यह कैसे संभव हुआ कि बिना सत्यापन के कोई फर्जी पत्रकार मुख्यमंत्री के करीब पहुंच गया.
और एलआईयू अधिकारियों का कहना है कि पूरी घटना की पड़ताल की जा रही है और जिन पुलिसकर्मियों या प्रशासनिक कर्मचारियों की ड्यूटी उस वक्त थी, उनसे भी पूछताछ हो रही है.
सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू
CM Yogi Security Breach 2025 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रोटोकॉल बेहद सख्त रहता है और हर व्यक्ति की पहचान और सत्यापन के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है. इसके बावजूद यह घटना कैसे हुई, यह अब जांच का बड़ा विषय है.
CM Yogi Security Breach 2025 में मुख्यमंत्री कार्यालय ने सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा शुरू कर दी है और सूत्रों का कहना है कि अब से हर कार्यक्रम में प्रवेश से पहले डिजिटल वेरिफिकेशन और फोटो-आधारित पहचान प्रणाली को और कड़ा किया जाएगा.
प्रशासन में मचा हड़कंप
CM Yogi Security Breach 2025 की इस घटना के बाद हापुड़ प्रशासन से लेकर लखनऊ तक हलचल मच गई है. डीजीपी मुख्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय दोनों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. स्थानीय प्रशासन के कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की संभावना है.
सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा में तैनात कुछ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है और यदि लापरवाही साबित हुई तो निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है.
भविष्य में होगी सख्त निगरानी
इस घटना के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि भविष्य में मुख्यमंत्री के किसी भी कार्यक्रम में मीडिया या आगंतुकों की एंट्री के लिए पूरी तरह से डिजिटल पास सिस्टम लागू किया जाएगा और हर मीडिया प्रतिनिधि की बैकग्राउंड जांच की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
साथ ही, सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को अपडेट करें और स्थानीय स्तर पर खुफिया यूनिट की सक्रियता बढ़ाएं.
जनता में भी चिंता की लहर
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने चिंता जताई है कि अगर मुख्यमंत्री जैसी वीआईपी सुरक्षा में सेंध लग सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है और कई लोगों ने ट्वीट कर कड़े कदम उठाने की मांग की है.
यूपी पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी सीख
हापुड़ की यह घटना यूपी पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी सीख है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में सेंध लगना किसी छोटी चूक का परिणाम नहीं बल्कि पूरे सुरक्षा तंत्र की कमजोरी को दिखाता है. अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि जांच में क्या सामने आता है और दोषियों पर कब कार्रवाई होती है.







