चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाली बीमारी का पूरा सच और उसके बचाव 2025

By Shiv

Published on:

चिकनगुनिया

चिकनगुनिया एक viral infection है जो मच्छरों से फैलता है. जानिए इसके लक्षण, कारण, बचाव और इलाज की पूरी जानकारी आसान भाषा में.

चिकनगुनिया क्या है और यह नाम क्यों पड़ा

चिकनगुनिया एक viral बीमारी है जो Aedes मच्छरों के काटने से फैलती है और interesting बात तो यह है कि चिकनगुनिया नाम अफ्रीका की एक भाषा Makonde से आया है जिसका मतलब है झुक जाना या टेढ़ा हो जाना और इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इस बीमारी में joints का दर्द इतना भयानक होता है जिससे कि patient सीधा खड़ा भी नहीं हो पाता और शरीर झुक जाता है.

यह भी पढें – बारिश आते ही बढ़ता है मलेरिया का खतरा से बचना सबसे जरूरी ऐसे करें बचाव 2025

चिकनगुनिया के लक्षण और शरीर कैसे दे सकता है संकेत

जब शरीर पर चिकनगुनिया का असर होता है तो सबसे पहले तेज fever आता है और बुखार के साथ joints यानी जोड़ो में इतना दर्द होता है कि मरीज चलने-फिरने में भी तकलीफ महसूस करता है.

  • अचानक तेज बुखार आना
  • joints और मांसपेशियों में तेज दर्द
  • सिर दर्द और आंखों में जलन
  • nausea और उल्टी
  • skin पर लाल दाने
  • कमजोरी और थकान

सबसे खास symptom है joints का दर्द जो कभी-कभी हफ्तों से लेकर महीनों तक बना रह सकता है और यही वजह है कि चिकनगुनिया मरीज की normal life को बहुत disturb कर देता है.

चिकनगुनिया कैसे फैलता है

चिकनगुनिया फैलने का सबसे बड़ा कारण है infected मच्छर का काटना व Aedes aegypti और Aedes albopictus नाम के मच्छर इस वायरस को फैलाते हैं और यह मच्छर दिन में ज्यादा काटते हैं और गंदे पानी या साफ पानी दोनों में पनप सकते हैं.

  • घर के आसपास जमा पानी
  • पुराने टायर, कूलर, बाल्टी या गमलों में पानी
  • बारिश के बाद सड़क पर बने गड्ढों में पानी और यह सब जगहें मच्छरों के breeding ground बन जाती हैं और वहीं से चिकनगुनिया फैलता है.

चिकनगुनिया और डेंगू में ऐसे करें फर्क

लोग अक्सर चिकनगुनिया को dengue समझ लेते हैं क्योंकि दोनों में बुखार और body pain common होता है पर असली फर्क तो यह है कि dengue में platelets बहुत तेजी से घटते हैं और internal bleeding भी हो सकती है जबकि चिकनगुनिया में platelets उतनी तेजी से नहीं घटते हैं चिकनगुनिया की पहचान joints pain से होती है और जो dengue में उतना severe नहीं होता.

यह भी पढें –  Viral Fever और Jhukham बदलते मौसम में सबसे common health issue

चिकनगुनिया से बचाव के आसान उपाय

चिकनगुनिया का कोई vaccine अभी तक नहीं बना है और इसलिए बचाव ही सबसे जरूरी है.

  • घर के आसपास पानी जमा न होने दें.
  • सप्ताह में एक बार कूलर, टंकी और बाल्टी का पानी बदलें.
  • mosquito repellent, coils और nets का इस्तेमाल करें.
  • बच्चों को full sleeves कपड़े पहनाएं.
  • दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं और अगर यह basic steps follow किए जाएं तो चिकनगुनिया से बचना मुश्किल नहीं है.

चिकनगुनिया का इलाज कैसे होता है

चिकनगुनिया का कोई specific इलाज मौजूद नहीं है इसमें डॉक्टर symptoms के हिसाब से treatment करते हैं.

  • paracetamol fever और दर्द कम करने के लिए दी जाती है.
  • मरीज को ज्यादा से ज्यादा पानी और fluids पीने की सलाह दी जाती है.
  • आराम करना बहुत जरूरी है क्योंकि weakness जल्दी नहीं जाती.
  • joints pain लंबे समय तक रहे तो physiotherapy मदद कर सकती है और कई cases में चिकनगुनिया का दर्द महीनों तक परेशान करता है इसी वजह से regular check-up और exercise जरूरी हो जाती है.

चिकनगुनिया क्यों खतरनाक होता है

चिकनगुनिया से मौतें बहुत rare होती हैं पर यह बीमारी इतनी कमजोरी और दर्द देती है कि आदमी months तक परेशान रहता है और बुजुर्ग और pregnant महिलाएं और बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है और immunity कमजोर होने पर चिकनगुनिया का असर लंबा खिंच जाता है.

चिकनगुनिया के बारे में myths और सच

  • लोग मानते हैं कि चिकनगुनिया से मौत हो जाती है पर जबकि हकीकत यह है कि यह rarely life-threatening होता है.
  • कई लोग सोचते हैं कि ये बीमारी छूने से फैलती है, लेकिन ऐसा नहीं है. चिकनगुनिया सिर्फ मच्छरों के काटने से फैलता है.
  • कुछ लोग मानते हैं कि घरेलू नुस्खों से ये पूरी तरह ठीक हो जाता है. सच ये है कि नुस्खे pain और weakness कम कर सकते हैं, लेकिन असली इलाज proper rest और medical care ही है.

चिकनगुनिया के बाद का असर

सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि चिकनगुनिया खत्म होने के बाद भी joints pain महीनों तक रहता है और कई लोग बार-बार weakness और fatigue महसूस करते हैं और इसलिए healthy diet और हल्की exercise से recovery fast हो सकती है.

Leave a Comment