बाराबंकी की बेटी पूजा पाल Thresher Model से बनी प्रेरणा, PM मोदी ने बताया 2025

By Vipin Singh

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Thresher Model

बाराबंकी की बेटी पूजा पाल Thresher Model बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकीं. PM मोदी ने पूजा पाल को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की प्रेरणा बताया. जानें पूरी कहानी.

छोटे गांव से बड़ी पहचान

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सिरौलीगौसपुर तहसील के अगेहरा गांव की रहने वाली पूजा पाल आज पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई हैं जो साधारण परिवार में पली-बढ़ी पूजा पाल ने Thresher Model बनाकर दुनिया को चौंका कर रख दिया है और यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का प्रेरणादायक उदाहरण बताया.

संघर्षों से भरा बचपन

पूजा पाल का बचपन किसी भी आम ग्रामीण परिवार जैसा था पर हालात कठिन थे और उनके पिता पुत्तीलाल मजदूरी करते हैं और मां सुनीला देवी एक सरकारी स्कूल में रसोई का काम करती हैं इन पांच भाई-बहनों के साथ छोटे से घर में रहने वाली पूजा के पास पढ़ाई के लिए न तो सुविधाएं थीं और न ही बिजली और घर में मीटर तो लग गया था पर खंभे से तार जोड़ने के पैसे नहीं थे और इसके बावजूद पूजा ने हार नहीं मानी Thresher Model और दीये की रोशनी में पढ़ाई करते हुए आगे बढ़ीं और पेश किया थ्रेसर मॉडल.

पहली बार सामने आई प्रतिभा

पूजा पाल की प्रतिभा पहली बार कक्षा 8 में सामने आई तब उस समय उन्होंने एक अनोखा थ्रेसर मॉडल बनाया था और दरअसल उनके स्कूल के पास लगी थ्रेशर मशीन से उड़ने वाली धूल से बच्चों को काफी दिक्कत होती थी और पूजा ने इस समस्या का हल ढूंढा और एक ऐसा मॉडल तैयार किया Thresher Model जिसमें टीन और पंखे की मदद से धूल सीधे एक थैले में जमा हो जाती थी और इससे ही छात्रों को धूल से राहत मिली और किसानों को भी मदद मिली.

पूजा पाल थ्रेसर मॉडल क्यों है खास

इस मॉडल की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि यह पूरी तरह लो-कॉस्ट था और पूजा ने सिर्फ 3,000 रुपये में यह मॉडल तैयार किया पर जबकि यह रकम उनके परिवार के लिए बहुत बड़ी थी और पूजा पाल थ्रेसर मॉडल Thresher Model धूल रहित था और किसानों के काम को आसान बनाने वाला साबित हुआ साथ ही यह पर्यावरण के लिहाज से भी उपयोगी था क्योंकि खेतों और गांव के आसपास धूल कम फैलती थी.

जिला स्तर से अंतरराष्ट्रीय मंच तक

पूजा पाल का थ्रेसर मॉडल Thresher Model पहले जिला और मंडल स्तर पर चुना गया और फिर राज्यस्तरीय प्रदर्शनी तक पहुंचा और आखिरकार राष्ट्रीय विज्ञान मेले में भी सराहा गया और साल 2020 से लेकर 2024 तक लगातार पूजा पाल अपने इस मॉडल को सुधारती रहीं और उनकी मेहनत और लगन का नतीजा यह रहा कि साल 2024 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान मेले में भी उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.

जापान तक पहुंचा भारत का नाम

भारत सरकार ने पूजा पाल की प्रतिभा को देखते हुए जून 2025 में उन्हें जापान शैक्षिक भ्रमण पर भेजा और वहां पूजा ने अपने Thresher Model थ्रेसर मॉडल और विचारों को प्रस्तुत किया और खूब तारीफ बटोरी और जापान जैसे विकसित देश में भारत की एक ग्रामीण बेटी का यह प्रदर्शन दुनिया के लिए प्रेरणा बन गया.

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प्रधानमंत्री मोदी ने की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर ‘कर्मयोग: एक अंतहीन यात्रा’ नाम की डॉक्यूमेंट्री लॉन्च की गई और इसमें पूजा पाल की उपलब्धियों का जिक्र किया गया है दरअसल पीएम मोदी ने पूजा पाल Thresher Model की कहानी को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का सच्चा उदाहरण बताते हुए उनकी सराहना की है और मोदी ने कहा कि पूजा पाल जैसी बेटियां ही देश का भविष्य बदल सकती हैं.

पूजा पाल की कहानी से सीख

पूजा पाल ने साबित कर दिया कि सपनों को पूरा करने के लिए बड़े साधनों की जरूरत नहीं होती है सिर्फ मेहनत व लगन और सोच बदलने की हिम्मत चाहिए होती है और पूजा पाल थ्रेसर मॉडल Thresher Model आज लाखों बच्चों और खासकर बेटियों के लिए एक प्रेरणा है और उन्होंने यह भी दिखाया कि अगर कठिनाइयों का सामना डटकर किया जाए तो दुनिया की कोई ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती.

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गांव की बेटियों के लिए प्रेरणा

आज पूजा पाल का नाम सिर्फ उनके गांव या जिले में ही नहीं पर बल्कि पूरे देश और दुनिया में जाना जाता है और उन्होंने उन बेटियों के लिए राह आसान कर दी है जो सोचती हैं कि गरीबी और संसाधनों की कमी के कारण वे कुछ बड़ा नहीं कर सकतीं है और पूजा पाल Thresher Model थ्रेसर मॉडल उनके लिए इस बात का सबूत है कि हिम्मत और जुनून से असंभव भी संभव हो सकता है.

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