लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर बहस के दौरान भिड़े अखिलेश और शाह
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नई दिल्ली: लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और गृहमंत्री अमित शाह के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। अखिलेश यादव ने बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर तंज कसा, जिस पर शाह ने ‘परिवारवाद’ का मुद्दा उठाते हुए पलटवार किया।

अखिलेश का तंज: “दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी अध्यक्ष नहीं चुन पा रही”
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लोकसभा में चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा,
“एक पार्टी जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहती है, वह अब तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष तक नहीं चुन पाई है।”
अमित शाह का जवाब: “हमारे यहां 12-13 करोड़ सदस्य वोट करते हैं”
गृहमंत्री अमित शाह ने अखिलेश के बयान पर करारा जवाब देते हुए कहा,
“अखिलेश जी ने मुस्कुराकर बात की, तो मैं भी मुस्कुराकर ही जवाब दूंगा। इस सदन में जो पार्टियां हमारे सामने बैठी हैं, उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष एक ही परिवार के पांच लोगों में से ही चुने जाते हैं। लेकिन हमारी पार्टी में 12-13 करोड़ सदस्य होते हैं, इसलिए इसमें समय लगता है। आपके यहां तो कोई देरी होती ही नहीं।”
बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को 17 जून 2019 को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इसके बाद, 20 जनवरी 2020 को उन्हें पार्टी का 11वां राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया और तब से वे इस पद पर हैं।
वक्फ संशोधन बिल पर अखिलेश का हमला: “बीजेपी प्रशासनिक नियंत्रण चाहती है”
लोकसभा में बोलते हुए अखिलेश यादव ने वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया और कहा कि बीजेपी इसे प्रशासनिक नियंत्रण बनाए रखने के लिए लागू कर रही है।
“यह बिल सिर्फ इसलिए लाया जा रहा है ताकि बीजेपी वक्फ पर कब्जा कर सके और अपने मनमुताबिक फैसले करवा सके। प्रशासनिक गलतियों की वजह से हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई बनाई जा रही है, और यह बिल उसी का हिस्सा है।”
“बीजेपी के फैसले सिर्फ राजनीति से प्रेरित होते हैं”
अखिलेश ने आगे कहा,
“बीजेपी ने एंग्लो-इंडियन्स के लिए आरक्षण खत्म किया, GST लागू किया और कहा कि इससे व्यापारियों को फायदा होगा, लेकिन अब व्यापारी ही इससे परेशान हैं। नोटबंदी लागू की, लेकिन आज भी कालाधन बरामद हो रहा है। इनका हर फैसला राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित होता है, सिर्फ वोटों के लिए लिया जाता है।”
निष्कर्ष:
लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव और अमित शाह के बीच जबरदस्त बहस देखने को मिली। जहां अखिलेश ने बीजेपी पर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने में देरी को लेकर तंज कसा, वहीं शाह ने ‘परिवारवाद’ का मुद्दा उठाकर पलटवार किया। इसके अलावा, अखिलेश ने वक्फ बिल के जरिए बीजेपी पर प्रशासनिक नियंत्रण बनाए रखने का आरोप लगाया। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या राजनीतिक मोड़ आता है।

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