अखिलेश यादव का पलटवार: इतिहास के पन्नों पर छिड़ी बहस
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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को एसपी सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान का बचाव किया। सुमन ने संसद में कहा था कि बाबर को भारत लाने वाले राणा सांगा थे, तो फिर इतिहास में उन्हें गद्दार क्यों नहीं कहा जाता?
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भाजपा नेता इतिहास में जाकर औरंगजेब की चर्चा कर सकते हैं, तो सुमन ने भी सिर्फ ऐतिहासिक तथ्य ही सामने रखे हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर बीजेपी को छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान करना है, तो क्या वे उस ऐतिहासिक घटना के लिए माफी मांगेंगे, जब उनके राज्याभिषेक में उन्हें हाथ से नहीं, बल्कि पैर के अंगूठे से अभिषेक किया गया था?
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बीजेपी ने किया पलटवार
भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस बयान को हिंदू समुदाय का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की राजनीति हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाती है, इसलिए उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें हाशिये पर धकेल दिया है।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
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राणा सांगा पर दिए गए बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जहां एसपी इसे ऐतिहासिक तथ्यों का जिक्र बता रही है, वहीं बीजेपी इसे अपमानजनक करार दे रही है। आने वाले समय में यह मुद्दा यूपी की राजनीति में और उबाल ला सकता है।
अब इस विवाद पर आपकी क्या राय है? क्या इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, या फिर यह ऐतिहासिक सत्य का अनावरण है?