आगरा में Nirbhay Gurjar गैंग का मेंबर 23 साल बाद धरा गया 50 हजार का इनामी डाकू

By Vipin Singh

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Nirbhay Gurjar

आगरा पुलिस ने 23 साल से फरार 50 हजार के इनामी डाकू टाइगर को गिरफ्तार किया और Nirbhay Gurjar गैंग का पूर्व सक्रिय सदस्य 2002 के अपहरण केस से फरार था.

50 हजार के इनामी डाकू टाइगर

आगरा की पुलिस ने सोमवार को बड़ी कामयाबी हासिल की और 23 साल से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी डाकू टाइगर को आखिरकार दबोच लिया गया और टाइगर जो कि Nirbhay Gurjar गैंग का सक्रिय सदस्य था और अपहरण और फिरौती जैसे मामलों में वांछित चल रहा था और थाना डौकी पुलिस ने उसे नगला देवहंस के पास से गिरफ्तार किया.

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डाकू टाइगर कौन है

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम बबलू उर्फ टाइगर उर्फ जितेंद्र पुत्र शिवकुमार बताया है और वह चंबल के बीहड़ों में सक्रिय रहने वाले Nirbhay Gurjar गैंग का हिस्सा था और उसका काम अपहरण की रेकी करना और शिकार को गैंग के साथ मिलकर उठाना होता था और बाद में उन्हें चंबल के बीहड़ों में ले जाकर छिपाया जाता था पर गैंग का मुखिया निर्भय गुर्जर फिरौती वसूलता था और टाइगर को उसका हिस्सा मिल जाता था.

2002 का अपहरण केस

यह मामला साल 2002 का है और आगरा जिले के राठौटी गांव के 18 वर्षीय हरिओम उर्फ कल्ला का Nirbhay Gurjar गैंग ने अपहरण किया था और अपहृत के पिता से 18.51 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी और इस केस में पुलिस ने कई आरोपियों को पकड़ लिया था, लेकिन टाइगर हाथ नहीं आया.

इसी अपहरण केस के बाद पुलिस ने Nirbhay Gurjar को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था और इसके बाद ही गैंग बिखर गया था पर टाइगर भूमिगत होकर फरार हो गया.

23 साल का लंबा इंतजार

23 साल तक पुलिस को इस Nirbhay Gurjar के कुख्यात डाकू की तलाश रही और इन सालों में पुलिस ने उसके कई ठिकानों पर दबिश दी गई पर वह हर बार बच निकलता था और आखिरकार सोमवार को मुखबिर की सूचना पर थाना डौकी पुलिस ने उसे पकड़ ही लिया और जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने खुद को टाइगर बताया.

गिरफ्तारी के समय क्या कर रहा था टाइगर

पुलिस जांच Nirbhay Gurjar में सामने आया कि टाइगर डौकी इलाके में एक दूध व्यापारी का अपहरण करने की रेकी कर रहा था और यानी इतने सालों बाद भी वह अपने पुराने धंधे पर ही लौटना चाहता था पर इस बार किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

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डीसीपी का बयान

डीसीपी ईस्ट जोन सैयद अली अब्बास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपी 50 हजार का इनामी डाकू टाइगर साल 2002 से फरार था और उस पर अपहरण का केस दर्ज था और वह कई बार चंबल के बीहड़ों में Nirbhay Gurjar गैंग में सक्रिय रहा था और पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी और अब जाकर वह पकड़ में आया है.

निर्भय गुर्जर गैंग की कहानी

90 और 2000 के दशक में Nirbhay Gurjar गैंग का नाम सुनते ही लोगों के दिल दहल जाते थे. यह गैंग पैसे वाले लोगों का अपहरण करता और भारी फिरौती मांगता था पर गैंग का नेटवर्क चंबल से लेकर पश्चिमी यूपी तक फैला हुआ था और कई बड़े मामलों में पुलिस को इस गैंग से जूझना पड़ा.

Nirbhay Gurjar की मुठभेड़ में मौत के बाद गैंग बिखर गया था पर टाइगर जैसे कुछ सदस्य भूमिगत होकर बच निकले.

पुलिस की बड़ी सफलता

आगरा पुलिस की यह Nirbhay Gurjar गैंग के व्यक्ति गिरफ्तारी इसलिए खास है क्योंकि 50 हजार का इनामी डाकू टाइगर पिछले 23 साल से फरार था और इतने लंबे समय बाद भी वह पुलिस के रडार पर था और उसकी गिरफ्तारी साबित करती है कि अपराध कितना भी पुराना हो पर कानून से बचना आसान नहीं है.

अब आगे

पुलिस अब आरोपी से गैंग की बाकी गतिविधियों के बारे में पूछताछ कर रही है और साथ ही यह भी जानने की कोशिश की जा रही है कि इतने सालों में वह कहां-कहां छिपा और किन-किन लोगों के संपर्क में रहा था.

50 हजार का इनामी डाकू टाइगर

आगरा पुलिस ने आखिरकार 23 साल बाद 50 हजार का इनामी डाकू टाइगर को गैंग के व्यक्ति को पकड़ लिया है और यह गिरफ्तारी सिर्फ एक फरार अपराधी को पकड़ने भर की नहीं है बल्कि यह संदेश भी देती है कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो पर कानून के हाथ लंबे होते हैं और Nirbhay Gurjar गैंग का यह सक्रिय सदस्य अब जेल की सलाखों के पीछे है और पीड़ित परिवारों को थोड़ी राहत मिली है.

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