Tajmahal में बाल विदुषी लक्ष्मी ने शिव तांडव का पाठ कर दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया. एएसआई ने धार्मिक गतिविधि पर जांच
आगरा का Tajmahal एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वजह कोई विदेशी सैलानी नहीं, बल्कि एक छोटी सी बच्ची बन गई है, जिसने इस ऐतिहासिक स्मारक के अंदर “शिव तांडव स्तोत्र” का पाठ कर सबका ध्यान खींच लिया. और “बाल विदुषी लक्ष्मी” नाम की इस नन्ही कथावाचक का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है और अब इस पर जांच शुरू हो चुकी है.
Tajmahal में शिव तांडव का पाठ, वायरल हुआ वीडियो
वीडियो में बाल विदुषी लक्ष्मी पारंपरिक वेशभूषा में नजर आती हैं. वह Tajmahal के अंदर खड़ी होकर भगवान शिव की स्तुति में शिव तांडव स्तोत्र का भावपूर्ण पाठ करती दिखाई देती हैं. जैसे ही यह वीडियो ऑनलाइन आया है, और यह तुरंत वायरल हो गया. लोग इस वीडियो पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कोई इसे “सांस्कृतिक जागरण” बता रहा है तो कोई “स्मारक के नियमों की अवहेलना”.
वीडियो में लक्ष्मी कहती हैं, Tajmahal नहीं, यह तेजोमहालय है. और इस बयान के साथ यह वीडियो “The Taj Story” नाम के एक सोशल मीडिया अभियान से जुड़ा बताया जा रहा है, जो ताजमहल के तथाकथित “असली इतिहास” पर बहस को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहा है.
एएसआई ने जताई नाराजगी, कहा – स्मारक में धार्मिक अनुष्ठान पूरी तरह प्रतिबंधित
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सहायक संरक्षण अधिकारी प्रिंस बाजपेयी ने बताया कि किसी भी संरक्षित स्मारक में धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ या धार्मिक वीडियो शूट करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. और Tajmahal विश्व धरोहर स्थल है, जहां सुरक्षा के कड़े प्रोटोकॉल लागू हैं. ऐसे में यह वीडियो सवाल खड़ा करता है कि सुरक्षा जांच के बावजूद अंदर तक शूटिंग कैसे हुई.
उन्होंने कहा कि “यह मामला गंभीर है. हमने तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं. और ताज सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों से भी जवाब मांगा गया है कि यह वीडियो आखिर कैसे रिकॉर्ड हुआ.”
सोशल मीडिया पर चर्चा तेज, दो खेमों में बंटे लोग
सोशल मीडिया पर #TajMahal और #ShivTandav ट्रेंड कर रहे हैं. कुछ यूजर्स बाल विदुषी लक्ष्मी की तारीफ कर रहे हैं और इसे भारत की संस्कृति का गौरव बता रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कई लोग इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए एएसआई की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं.
कई यूजर्स का कहना है कि अगर यह एक ऐतिहासिक स्थल है, तो वहां पर किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि नहीं होनी चाहिए. वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि अगर विदेशों में स्मारकों के भीतर सांस्कृतिक प्रदर्शन हो सकते हैं, तो भारत में क्यों नहीं.
वीडियो के पीछे का मकसद क्या था
सूत्रों के अनुसार, यह वीडियो “The Taj Story” नामक अभियान के लिए शूट किया गया है. और इस अभियान का उद्देश्य ताजमहल को “तेजोमहालय” सिद्ध करने से जुड़ा बताया जा रहा है. इस अभियान में यह दिखाने की कोशिश की गई कि Tajmahal मूल रूप से एक शिव मंदिर था, जिसे बाद में मकबरे में बदला गया. हालांकि इतिहासकारों और एएसआई ने इस दावे को कई बार खारिज किया है.
जांच जारी, कार्रवाई के संकेत
फिलहाल एएसआई ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. सुरक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है और वीडियो की शूटिंग कब और कैसे हुई, इसका पता लगाया जा रहा है. अगर पाया गया कि अनुमति के बिना वीडियो बनाया गया है, और तो इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई संभव है.
प्रिंस बाजपेयी ने यह भी कहा कि “हम किसी की धार्मिक भावनाओं का अपमान नहीं करना चाहते, पर Tajmahal जैसे स्मारक में ऐसे आयोजन नियमों के खिलाफ हैं.”
कौन हैं बाल विदुषी लक्ष्मी
बाल विदुषी लक्ष्मी एक नाबालिग कथावाचक हैं, जो सोशल मीडिया पर धार्मिक ग्रंथों के सुंदर पाठ के लिए जानी जाती हैं. और उनकी शैली और वाणी में बालपन के साथ-साथ एक विशेष आध्यात्मिक गहराई झलकती है. उनके कई वीडियो पहले भी वायरल हो चुके हैं, पर इस बार का वीडियो विवादों में आ गया है क्योंकि यह भारत की सबसे संवेदनशील धरोहर – Tajmahal से जुड़ा है.
जनता की राय और सवाल
लोगों के बीच अब यह सवाल चर्चा में है कि क्या सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और स्मारक सुरक्षा के बीच संतुलन संभव है. तो क्या किसी विरासत स्थल पर संस्कृति का प्रदर्शन अपराध माना जाना चाहिए, या फिर यह परंपरा की रक्षा का एक तरीका है.
जहां एक ओर कुछ लोग बाल विदुषी लक्ष्मी को भारतीय संस्कृति की “शिवभक्त बाल प्रतिभा” मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इतिहासकार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किसी भी स्मारक की गरिमा और नियमों की अवहेलना नहीं होनी चाहिए.
विदुषी लक्ष्मी
बाल विदुषी लक्ष्मी का Tajmahal में शिव तांडव पाठ करने वाला वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ है. एएसआई ने जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा अधिकारियों से जवाब मांगा गया है. और अब देखना यह होगा कि क्या इस पूरे मामले में कोई कार्रवाई होती है या यह चर्चा केवल कुछ दिनों तक सुर्खियां बनकर रह जाएगी.






