करीब 300 हथियारों की पूजा करते दिखे कुंडा विधायक Raja भैया, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, अमिताभ ठाकुर ने DGP से जांच और कार्रवाई की मांग की
Raja भैया और शस्त्र पूजन की चर्चा
प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ Raja भैया हमेशा अपनी अलग पहचान और चर्चा वाले अंदाज की वजह से सुर्खियों में रहते हैं और इस बार वजह बनी दशहरे के मौके पर किया गया उनका पारंपरिक शस्त्र पूजन और राजा भैया हर साल की तरह इस बार भी अपने बेंती महल में शस्त्र पूजन करते नजर आए हैं पर खास बात तो यह रही कि इस बार उनके सामने करीब 300 से ज्यादा असलहे सजे दिखाई दिए.
इन हथियारों में पिस्टल, रिवॉल्वर, 12 बोर की बंदूकें, राइफल और थर्टी कारबाइन तक शामिल थीं और मेज पर सजे सैकड़ों देशी-विदेशी हथियारों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए हैं और देखते ही देखते यह मामला इतना बढ़ गया कि पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को खुलकर सामने आना पड़ा.
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें और विवाद
Raja भैया के शस्त्र पूजन की तस्वीरें उनकी पत्नी भानवी सिंह और बेटी राघवी कुमारी के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद और भी ज्यादा चर्चा में आईं हैं और भानवी सिंह पहले ही एक्स (ट्विटर) पर असलहों के जखीरे की तस्वीरें साझा कर चुकी थीं और इसके बाद दशहरे पर Raja भैया का यह बड़ा आयोजन लोगों के बीच सवालों का कारण बन गया.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ दिख रहा है कि Raja भैया अपने पारंपरिक अंदाज में पूजा कर रहे हैं और उनके सामने मेज पर हथियारों की लंबी लाइन लगी है और यह नजारा देखने के बाद लोगों में जिज्ञासा और बहस दोनों शुरू हो गई
अमिताभ ठाकुर की मांग
पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस पूरे मामले पर गंभीर सवाल उठाए हैं और उन्होंने सीधे उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण को पत्र लिखा है और अमिताभ ठाकुर का कहना है कि शस्त्र प्रदर्शन के वीडियो में सैकड़ों हथियार साफ नजर आ रहे हैं फिर चाहे यह सब वैध लाइसेंसी असलहे हों पर इतनी बड़ी संख्या में सार्वजनिक तौर पर उनका Raja भैया द्नारा प्रदर्शन आर्म्स एक्ट 1959 और आर्म्स रूल 1962 के नियमों के खिलाफ माना जा सकता है.
उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में विस्तृत जांच की जरूरत है और साथ ही नियमानुसार कार्रवाई भी होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के शस्त्र प्रदर्शन को लेकर कोई भ्रम न रहे.
Raja भैया का जवाब
विवाद बढ़ने के बाद Raja भैया का भी बयान सामने आया है और उन्होंने साफ कहा कि यह सारे हथियार उनके ही हैं और उन्होंने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि जो उनके समर्थकों का है वो उनका है और जो उनका है वो समर्थकों का है और उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में भानवी सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट का सीधा जवाब माना जा रहा है.
Raja भैया के समर्थकों का कहना है कि दशहरे पर शस्त्र पूजन उनकी सालों पुरानी परंपरा है और इसे विवादित नजर से नहीं देखा जाना चाहिए.
पत्नी और बेटी के आरोपों के बीच शस्त्र पूजन
पिछले कुछ समय से Raja भैया की पत्नी भानवी सिंह और बेटी राघवी कुमारी ने खुलकर उनके खिलाफ मोर्चा खोला है साथ ही भानवी सिंह ने सोशल मीडिया पर बार-बार Raja भैया और उनके निजी जीवन को लेकर पोस्ट किए हैं और इसी बीच शस्त्र पूजन का इतना बड़ा आयोजन होना और उसमें 300 से ज्यादा असलहों का सार्वजनिक प्रदर्शन होना कई लोगों को संदेश देने जैसा लग रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्यक्रम कहीं न कहीं भानवी सिंह की पोस्ट का जवाब था पर जिसमें उन्होंने Raja भैया के हथियारों का जखीरा दिखाया था.
क्या वाकई नियमों का उल्लंघन हुआ?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या Raja भैया ने शस्त्र पूजन करके किसी कानून का उल्लंघन किया है और उनके समर्थकों का कहना है कि सभी हथियार लाइसेंसी हैं और पूजा घर के अंदर हुई थी और इसलिए इसमें कोई गैरकानूनी बात नहीं है.
पर अमिताभ ठाकुर जैसे पूर्व आईपीएस अधिकारी का मानना है कि आर्म्स एक्ट के तहत इतनी बड़ी संख्या में हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन विवादास्पद है और इसकी जांच जरूरी है. अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस पूरे मामले में क्या कदम उठाते हैं.
जनता और राजनीति की नजर
Raja भैया का नाम हमेशा से राजनीति में अलग ढंग से लिया जाता है और उनके समर्थक उन्हें बाहुबली छवि वाला नेता मानते हैं औऱ तो विरोधी उन्हें सवालों के घेरे में रखते हैं पर इस बार शस्त्र पूजन का यह आयोजन उनके समर्थकों के लिए गर्व का विषय बना तो वहीं विरोधियों के लिए आलोचना का हथियार.
और लोग सोशल मीडिया पर लगातार इस मुद्दे पर अपनी राय दे रहे हैं और कुछ लोग इसे राजपूताना परंपरा बताते हैं तो कुछ इसे कानून का उल्लंघन करार दे रहे हैं.
कुंडा विधायक Raja भैया
करीब 300 हथियारों की पूजा करते दिखे कुंडा विधायक Raja भैया का यह आयोजन एक तरफ उनकी पुरानी परंपरा को दिखाता है तो दूसरी तरफ राजनीतिक विवाद को और भड़का देता है और पत्नी और बेटी के आरोपों के बीच यह कार्यक्रम किसी राजनीतिक संदेश से कम नहीं दिखता और अब सवाल यही है कि डीजीपी को भेजी गई शिकायत और मांग के बाद क्या पुलिस इस पूरे मामले में जांच शुरू करेगी या इसे परंपरा मानकर आगे बढ़ जाएगी. फिलहाल इतना तय है कि राजा भैया और शस्त्र पूजन का यह मामला आने वाले दिनों तक चर्चा में बना रहेगा.