UP X-Ray Technician Bharti Scam में 2016 की भर्ती पर सवाल खड़े हो रहे हैं और CM Yogi की फटकार और FIR पर भी स्वास्थ्य महानिदेशालय दस्तावेज नहीं सौंप रहा,
मामला क्या है
UP X-Ray Technician Bharti Scam कोई छोटी-मोटी गड़बड़ी नहीं है बल्कि एक बड़ा नेटवर्क है जो साल 2016 में 403 एक्स-रे टेक्निशनों की भर्ती हुई थी और CM Yogi के अब सामने आया है कि इसमें कई नियुक्तियां फर्जी तरीके से की गईं थी और यह भर्ती उस दौर में हुई जब हेल्थ सेक्टर में पारदर्शिता का दावा किया जा रहा था पर आज यह खुलासा हो रहा है कि कई जिलों में फर्जी टेक्निशन तैनात थे.
CM Yogi की फटकार के बाद दर्ज हुई FIR
जैसे ही यह मामला मीडिया और जनचर्चा में आया तो CM Yogi आदित्यनाथ ने सीधे स्वास्थ्य विभाग को फटकार लगाई और 8 सितंबर को DG (Paramedical) डॉ. रंजना खरे की तरफ से FIR दर्ज कराई गई और लखनऊ के वजीरगंज थाने में केस दर्ज हुआ और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की बात कही गई.
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पुलिस को दस्तावेज ही नहीं मिल रहे
हालांकि UP X-Ray Technician Bharti Scam की जांच का सबसे बड़ा रोड़ा यही है कि CM Yogi की फटकारके बाद भी पुलिस को अब तक जरूरी दस्तावेज नहीं मिले हैं और जांच अधिकारी लगातार स्वास्थ्य महानिदेशालय से नियुक्ति पत्र व सत्यापन रिपोर्ट और वेतन संबंधित फाइल और जॉइनिंग लेटर मांग रहे हैं पर विभाग टालमटोल कर रहा है और 15 सितंबर तक भी कोई ठोस दस्तावेज पुलिस के पास नहीं पहुंचे.
इन जिलों में सामने आया फर्जीवाड़ा
CM Yogi इस प्रदेश में इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब बलरामपुर, फर्रुखाबाद, रामपुर, बांदा, अमरोहा और शामली जैसे जिलों में अर्पित नाम से फर्जी एक्स-रे टेक्निशन काम करते पाए गए और अब सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर ये फर्जीवाड़ा कैसे चला और किसकी शह पर चला.
DG RPS Suman की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे UP X-Ray Technician Bharti Scam पर महानिदेशक डॉ. RPS Suman चुप्पी साधे बैठे हैं और सवाल वही साफ है कि जब जिलों के CMOs ने दस्तावेज पहले ही स्वास्थ्य महानिदेशक को सौंप दिए थे तो CM Yogi के फटकार पर भी पुलिस को क्यों नहीं दिए जा रहे तो क्या जानबूझकर समय लगाया जा रहा है ताकि आरोपी बच निकलें?
अंदरूनी सिंडीकेट की कहानी
सूत्रों का दावा है कि यह पूरा UP X-Ray Technician Bharti Scam सिर्फ कुछ फर्जी नियुक्तियों तक सीमित नहीं है दरअसल उस साल 2016 से लेकर कई सालों तक स्वास्थ्य महानिदेशालय और जिलों के CMOs के बीच एक सिंडीकेट काम कर रहा था और यही सिंडीकेट फर्जी भर्ती से लेकर जॉइनिंग लेटर और सैलरी रिलीज करने तक की प्रक्रिया को कंट्रोल करता था और यह भी माना जा रहा है कि दस्तावेज न सौंपने के पीछे भी यही नेटवर्क सक्रिय है पर अब यह CM Yogi जी के सज्ञांन में है.
जनता में गुस्सा और सवाल
जब CM Yogi खुद इस पर सख्ती दिखा चुके हैं तो फिर भी विभाग की सुस्ती जनता के गले नहीं उतर रही है और गांव और शहरों के लोग कह रहे हैं कि अगर अब भी UP X-Ray Technician Bharti Scam की जांच नहीं हुई तो सिस्टम पर से भरोसा उठ जाएगा और मरीजों की जान के साथ खेलना किसी भी हाल में माफ नहीं किया जा सकता.
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CM Yogi के आदेश के बाद पुलिस FIR दर्ज
फिलहाल CM Yogi के आदेश के बाद पुलिस FIR दर्ज कर चुकी है और दबाव बना रही है कि दस्तावेज सौंपे जाएं और अगर मेडिकल रिपोर्ट्स और जॉइनिंग लेटर की जांच हो जाती है तो बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं और सवाल अब यही है कि क्या जांच सिर्फ कागजों तक सिमट जाएगी या वाकई दोषियों पर कार्रवाई होगी.