Azamgarh ऑनलाइन गेम की लत ने ली 18 साल के छात्र की जान, परिवार ने लगाई गुहार

By Shiv

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Azamgarh

Azamgarh हादसा, 18 वर्षीय सिद्धार्थ ने ऑनलाइन गेम की लत और पैसों के नुकसान से परेशान होकर आत्महत्या कर ली.

सुबह की वो दिल दहला देने वाली घटना

आज़मगढ़ के अहरौला थाना क्षेत्र के बहेरा गांव में रहने वाला सिद्धार्थ नाम का 18 साल का लड़का कुछ समय से online games का बुरी तरह आदी हो चुका था और 12वी कक्षा का छात्र होने के बावजूद उसका ज्यादातर समय मोबाइल पर गुजरता था और घरवालों ने कई बार समझाया यहां तक कि उसे इलाज के लिए लखनऊ भी ले गए पर कोई सुधार नहीं आया और हालत इतनी बिगड़ गई कि उसने अपने पिता का mobile number तक block कर दिया ताकि कोई उसे रोक न सके और गुरुवार सुबह जब पिता ने कमरे का दरवाजा खोला तो सामने दिल दहला देने वाला दृश्य था क्योकी सिद्धार्थ फंदे से लटका हुआ मिला.

अस्पताल में भी मिली सिर्फ निराशा

परिवार उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर गया पर doctors ने उसे dead घोषित कर दिया और बेटे की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया और सिद्धार्थ की दो छोटी बहनें भी इस सदमे से बाहर नहीं निकल पा रही हैं और पूरा गांव गमगीन है और हर कोई यही कह रहा है कि अगर वक्त रहते इस addiction को रोका जाता तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी.

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सुसाइड नोट ने खोला असली राज

पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कमरे से एक suicide note बरामद हुआ और अंग्रेजी में लिखे इस नोट में सिद्धार्थ ने साफ-साफ लिखा कि वह online game की लत से छुटकारा नहीं पा रहा था और उसे डर था कि कहीं वह और ज्यादा पैसे न गवा दे और इसी डर और तनाव ने उसे जिंदगी खत्म करने पर मजबूर कर दिया.

परिवार का छलका दर्द और सरकार से की मांग

पिता रविंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने बेटे को बचाने की पूरी कोशिश की और बहुत इलाज भी कराया और खूब समझाया और डांटा भी पर, addiction इतना गहरा था कि सब बेकार चला गया और अब उनकी सिर्फ यही मांग है कि सरकार online gaming पर सख्त प्रतिबंध लगाए ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी का सामना न करना पड़े.

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ऑनलाइन गेम का जाल खतरनाक है

आज के समय में mobile games बच्चों और युवाओं के लिए केवल entertainment ही नहीं बल्कि addiction बनते जा रहे हैं और लगातार खेलने से पढ़ाई पर बहुत असर पड़ता है और नींद पूरी नहीं होती और दिमाग हमेशा stress में रहता है और इन-ऐप purchases और लगातार पैसे खर्च करने का दबाव बच्चों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से कमजोर बना देता है और कई बार यही addiction उन्हें depression और आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम तक ले जाता है.

समाज के लिए बड़ा सबक

Azamgarh का यह मामला सिर्फ एक घटना नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है और परिवारों को बच्चों की मोबाइल activity पर भी नजर रखनी होगी और सिर्फ डांटने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनसे बातचीत भी करनी होगी और अगर बच्चे की लत बढ़ रही है तो तुरंत मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए और सरकार को भी कड़े नियम बनाने होंगे ताकि online gaming कंपनियों पर लगाम लगाई जा सके.

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