Ghaziabad Child Trafficking में पुलिस ने 4 लोगों को पकड़ा. गिरोह 2.5 लाख में बच्चे की डील कर रहा था. नवजात तस्करी का बड़ा नेटवर्क उजागर.
गाजियाबाद में Child Trafficking का बड़ा खुलासा
गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे Child Trafficking गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नवजात और छोटे बच्चों को अगवा कर निःसंतान दंपतियों को मोटी रकम में बेच देता था और इस ऑपरेशन में पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है और गिरोह की पकड़ तब हुई जब लोनी इलाके से एक साल के बच्चे के अपहरण की जांच शुरू हुई.
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कैसे हुआ बच्चा किडनैप
पुलिस जांच में सामने आया कि 4 अगस्त की शाम करीब 4:30 बजे आरोपी अफसर अली और नावेद अंसारी ने लोनी में घर के बाहर खेल रहे मासूम को अगवा कर लिया और दोनों बाइक से भाग निकले पर परिवार के डर से मासूम को एक स्थानीय महिला के घर छोड़कर फरार हो गए.
CCTV से मिली कड़ी
एसीपी लोनी सर्किल सिद्धार्थ गौतम के मुताबिक जब CCTV फुटेज ने पुलिस की मदद की तो उसी फुटेज के आधार पर टीम ने मासूम को सुरक्षित बरामद कर लिया और चारों आरोपियों को पकड़ लिया और पूछताछ में यह पता चला कि नावेद और अफसर को बच्चे को शाइस्ता तक पहुंचाने के लिए 25-25 हजार रुपये देने का वादा हुआ था.
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2.5 लाख में फाइनल हुआ डील
आरोपियों ने कबूला कि बच्चे की डील 2.5 लाख रुपये में तय हुई थी और शाइस्ता ने बच्चा संध्या चौहान तक पहुंचाना था और जिसने पहले ही बच्चे की तस्वीरें 8 लोगों को भेज दी थीं पर संध्या के संपर्क मुरादाबाद की नर्स रंजना से थे.
मोबाइल से खुला राज
संध्या के फोन से पुलिस को कई नवजातों की तस्वीरें व डील की रकम और वॉइस चैट और मैसेज मिले. इन सबूतों से पता चला कि गिरोह के दिल्ली, बिजनौर, मुरादाबाद, रुड़की और अमरोहा में भी नेटवर्क हैं और पुलिस के मुताबिक गोरे रंग के नवजात लड़कों की सबसे ज्यादा मांग और कीमत होती है.







