आगरा से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है वता दें पुलिस कमिश्नर आवास के पास मोबाइल लूट की वारदात में पहले तो पुलिस ने बदमाशों को पकड़ लिया फिर बाद में मामला ही पलट गया क्योकी सामने आया कि यह गिरफ्तारी से सीधे-साधे पुलिसिया काम से नहीं हुई बल्कि सेटिंग से हुई थी औरअब इसी सेटिंग ने बालूगंज पुलिस चौकी की नींव ही हिला दी है.
पूरा मामला
जंगजीतनगर के रहने वाले राकेश मथुरिया 23 जुलाई को साइकिल से जा रहे थे और तभी माल रोड पर कमिश्नर हाउस मोड़ के पास बाइक सवार बदमाशों ने उनका मोबाइल छीन लियकर भाग गए और फिर रकाबगंज थाने में मामला दर्ज कराया गया और फिर पुलिस एक्टिव हुई. फिर कुछ दिन बाद पुलिस मीडिया सेल ने जानकारी दी कि उन्होंने दो बदमाशों को पकड़ लिया है सादान उर्फ फैज और केशव और तीसरा बदमाश साहिल अभी फरार बताया गया पर पुलिस ने उनके पास से लूटा गया मोबाइल और बाइक भी बरामद की और सब कुछ ठीक लग रहा था पर असली कहानी अब शुरू होती है.
सेटिंग का खुलासा कैसे हुआ?
इस केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे ही गुडवर्क कहे जा रहे पुलिस के इस काम की परतें खुलने लगीं और फिर पता चला कि जिन बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा है वो तो सेटिंग के तहत आत्मसमर्पण करने आए थे और एक मध्यस्थ ने पुलिस और आरोपियों के बीच डील करवाई फिर बदले में पुलिस ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि एनकाउंटर नहीं होगा और सीधे जेल भेजा जाएगा और फिर
जैसे ही यह बात डीसीपी सिटी सोनम कुमार तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत एक्शन लिया और पूरे मामले को गंभीर मानते हुए बालूगंज चौकी से जुड़े आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.
इन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मी
- चौकी प्रभारी अमित कुमार
- एसआई राहुल गिरी
- एसआई अंकित दुहुण
- एसआई विनय धामा
- मुख्य आरक्षी धर्मेंद्र कुमार
- मुख्य आरक्षी आलोक कुमार
- आरक्षी विकास यादव
- आरक्षी मोहम्मद आमिर आलम और इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.