आगरा के हलवाई परिवार के बेटे कुणाल की हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है वजह दोस्ती, पैसे और लालच के फेर में की गई इस वारदात की कहानी दर्द से भरी है पढ़िए पूरी घटना.
आगरा के सुल्तानगंज पुलिया क्षेत्र में रहने वाला 20 साल का कुणाल प्रजापति घर से यह कहकर निकला था कि थोड़ी देर में आता हूं मां लेकिन उस दिन की शाम उसके परिवार की जिंदगी की सबसे भयानक शाम बन गई क्योकि दो दोस्तों ने मिलकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी और फिर उसे कुएं में फेंक आए. बते दें कुणाल रबड़ी बनाने में माहिर था और अपने पिता देवेंद्र कुमार के साथ हलवाई की दुकान संभालता था साथ में वह 11वीं का छात्र भी था छह महीने से पिता बीमार चल रहे थे तो ऐसे में घर की पूरी जिम्मेदारी उसी ने उठा ली थी.
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1.5 लाख रुपये के लिए रची गई हत्या की साजिश
जांच में सामने आया कि खंदौली के पैसई गांव निवासी शिवम यादव ने कुणाल से डेढ़ लाख रुपये यह कहकर लिए थे कि वह उसे सस्ता सोना दिलवा देगा पर रुपये लेने के बाद न तो सोना मिला और न ही पैसा वापस हुए और जब कुणाल ने पैसे की मांग की तो शिवम ने बातों-बातों में उसे हाथरस बुला लिया वहां पहले शराब पिलाई गई और फिर उसके अपने दोस्त ने ही उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और बरहन निवासी लक्ष्मीकांत उर्फ डॉली ने ईंट से उसके सिर पर कई बार वार किए जिसकी वजह से कुणाल की मौके पर ही मौत हो गई. यह घटना यहीं समाप्त नही हुई.
हत्या के बाद शव 50 फुट गहरे कुएं में फेंककर पुलिस को भी गुमराह किया
हत्या के बाद शव को एक गहरे कुएं में फेंक कर भाग गए और अगले दिन परिवार ने आगरा के हरीपर्वत थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई फिर पुलिस ने कॉल डिटेल निकालीं तो सामने आया कि 27 जून को शिवम और कुणाल के बीच कई बार बात हुई थी और दोनों की लोकेशन हाथरस की पाई गई फिर 2 जुलाई को सहपऊ थाना क्षेत्र में कुएं से एक सड़ी-गली लाश मिली जो कुणाल की निकली पुलिस ने पहले शिवम को पकड़ा और फिर उसकी निशानदेही पर डॉली को भी गिरफ्तार किया गया. और पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

आरोपी ने रुपये भी आपस में बांटे और पूरा पैसा खुद रख लिया
डॉली ने बताया कि शिवम ने हत्या के बाद उसे 75 हजार रुपये दिए थे जबकि वादा आधा-आधा का था और बाकी रकम शिवम ने खुद रख लिया पुलिस ने जब शिवम से पूछताछ की तो वह बार-बार गुमराह करने की कोशिश करता रहा फिर कुणाल के पिता देवेंद्र कुमार ने पुलिस में एफआईआर कराई है जिसमें चार लोगों को नामजद किया गया है शिवम यादव, डॉली उर्फ लक्ष्मीकांत, कार्तिक (शिवम का भाई) और पप्पू प्रधान (शिवम का पिता) और कुणाल ने घर से निकलने के बाद अपनी मां विरमा से आखिरी बार बात की थी उसने यह बताया था कि वह शिवम के साथ है और चारों ओर खेत हैं फिर कह रहा था थोड़ी देर में आता हूं और जब शव मिला तो हालत इतनी खराब थी कि पुलिस ने कपड़े में लपेटकर ही परिजनों को दिया. मां और बाप बहने किसी को चेहरा तक नहीं देखने दिया गया पिता बार-बार कह रहे थे मुझे सिर्फ उसका चेहरा दिखा दो बस एक बार.
चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था कुणाल
कुणाल परिवार का सबसे बड़ा बेटा था और उसकी दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई है और जब शव घर पहुंचा तो रोते-रोते बहनों की हालत बिगड़ गई मां तो बेसुध हो गईं और पिता फर्श पर बैठकर सिर पकड़कर रोते रहे पूरे परिवार में यही बेटा था जो पिता की बीमारी में कारोबार संभाल रहा था साथ में पढ़ाई भी कर रहा था और घर चला रहा था.
पुलिस जांच अभी जारी, कुछ बातें अब भी रहस्य
पुलिस को शक है कि इस वारदात में और भी लोग शामिल हो सकते हैं जब पूछताछ में एक नाम सामने आया तो शिवम ने साफ इनकार कर दिया फिर वहीं डॉली की बातों में भी विरोधाभास है फिलहाल पुलिस चारों नामजदों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है.