सावन में Rudraksha पहनने से खुलती है शिव कृपा की राह बस इतनी सी बात ध्यान रखिए ki जब बात भगवान शिव की हो तो बात सिर्फ पूजा-पाठ की नहीं होती है बात होती है उनकी ऊर्जा को महसूस करने की और सावन के महीने में अगर आपने सही तरीके से रुद्राक्ष पहन लिया तो समझिए आधा काम तो आपका वहीं पूरा हो गया.
रुद्राक्ष क्या चीज है?
ये कोई माला या गहना नहीं है ये खुद भोलेनाथ की आंखों से निकले आँसुओं से पैदा हुआ फल है अब जरा सोचिए जो चीज खुद शिवजी के दर्द से बनी हो उसमें ताकत कितनी होगी इसीलिए लोग इसे शिव का अभिषेक तथा उनकी Power और उनकी कृपा का विशेष प्रतीक मानते हैं.
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सावन में रुद्राक्ष कब और कैसे पहनें?
- सोमवार को या किसी शुभ दिन, जैसे रवि पुष्य या सोम पुष्य योग में सुबह उठकर स्नान करिए.
- माला को गंगाजल, दूध, या चंदन वाला पानी से धो लीजिए.
- एक साफ थाली में माला रखिए और शिवजी के सामने बैठिए.
- माला पर बेलपत्र, चंदन, सफेद फूल, और धतूरा चढ़ाइए.
- दीपक और धूप लगाकर शिवजी की मूर्ति या शिवलिंग की पूजा करिए.
- “ॐ नमः शिवाय या अपनी राशि के मंत्र का जाप करिए और बोलिए की हे भोलेनाथ इस माला में आप निवास करें इसे अपनी शक्ति से भर दीजिए.
पहनने से पहले एक आखिरी काम
- माला को धूप के धुएं से शुद्ध कर लीजिए.
- सुमेरू (जो सबसे बड़ा दाना होता है) उसे माथे से लगाइए और 11 बार मंत्र बोलिए.
- चाहें तो 21 आहुतियों का छोटा सा हवन भी कर सकते हैं.
- फिर ब्राह्मण को भोजन कराइए फिर दक्षिणा दीजिए.
- माला को शिवजी की मूर्ति से छुवाइए और फिर गले में धारण कर लीजिए.
- अंत में माथे पर भस्म का तिलक लगाकर भगवान शिव को प्रणाम कीजिए.
आपकी राशि के मुताबिक मंत्र
आपकी राशि | ये मंत्र बोलिए |
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मेष | ऊँ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायण नमः |
वृषभ | ऊँ गोपालाय उत्तरध्वजाय नमः |
मिथुन | ऊँ क्लीं कृष्णाय नमः |
कर्क | ऊँ हिरण्यगर्भाय अव्यक्त रूपिणे नमः |
सिंह | ऊँ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधाराय नमः |
कन्या | ऊँ नमो प्रीं पिताम्बराय नमः |
तुला | ऊँ तत्वनिरन्जनाय तारकरामाय नमः |
वृश्चिक | ऊँ नारायणाय सुरसिंहाय नमः |
धनु | ऊँ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वषताय नमः |
मकर | ऊँ श्री वत्सलाय नमः |
कुंभ | ऊँ श्रीं उपेन्द्राय अच्चुताय नमः |
मीन | ऊँ क्लीं उद्घृताय उद्धरिणे नमः |
सच्ची बात क्या है?
रुद्राक्ष पहनने से चमत्कार नहीं होता बल्कि वो शक्ति जागती है जो आपके अंदर पहले से थी और सावन में जब आप पूरे नियम के साथ बिना जल्दबाजी के रुद्राक्ष धारण करते हैं तब वो सिर्फ माला नहीं रहता वो आपका रक्षा कवच बन जाता है.