आगरा शहर में जगह-जगह खुले मेडिकल बोर्ड और झोपड़ीनुमा क्लीनिक अब प्रशासन की नजर में आ चुके हैं खासकर नगला बघेल, नगला बूढ़ी, नगला पाड़ी, रमेश नगर, शाहगंज, ताजगंज, ट्रांस यमुना कॉलोनी और रनवाना रोड जैसे इलाकों में तो कुकुरमुत्तों की तरह क्लीनिक खुल गए हैं — जिनमें न डिग्री है, न डॉक्टर.
सूत्रों की मानें तो CMHO आगरा के निर्देश पर जल्द ही इन इलाकों में छापेमारी शुरू की जा रही है, जहां बिना MBBS, BAMS या वैध मेडिकल पंजीकरण के धड़ल्ले से इलाज किया जा रहा है.
क्या है पूरा प्लान?
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार:
- आगरा शहर में 300 से अधिक ऐसे क्लीनिक हैं जिनका कोई मेडिकल रजिस्ट्रेशन नहीं है
- इनमें से 70% क्लीनिक सिर्फ CMS&ED, First Aid या Unregistered Practitioners चला रहे हैं
- टीम हर थाने से सहयोग लेकर अगले दो हफ्तों में जोन-वार रेड करेगी
चिन्हित इलाके – जानिए कहां गिरने वाला है शिकंजा
क्षेत्र का नाम | अनुमानित फर्जी क्लीनिक |
---|---|
नगला बघेल | 27+ |
नगला बूढ़ी | 14+ |
नगला पाड़ी | 19+ |
शाहगंज | 22+ |
ट्रांस यमुना कॉलोनी | 31+ |
ताजगंज और रनवाना रोड | 16+ |
कमला नगर व रामबाग | 25+ |
इन इलाकों में स्थानीय लोगों ने भी कई बार शिकायत की है कि बिना डिग्री वाले व्यक्ति इंजेक्शन, ड्रिप और भारी दवाएं दे रहे हैं, जिससे मरीजों की हालत बिगड़ रही है.
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प्रशासन का रुख बेहद सख्त
अब जो डॉक्टर नहीं, वह इलाज नहीं करेगा। सभी फर्जी क्लीनिक चिन्हित किए जा चुके हैं, अब हर जोन में कार्रवाई तय है जेल भी जाएगी, सीलिंग भी होगी.
— CMHO, आगरा
स्वास्थ्य विभाग की इस टीम में शामिल होंगे:
- डिप्टी CMHO
- ड्रग इंस्पेक्टर
- थाना पुलिस
- एक मेडिकल रजिस्ट्रार
कौन फंसेगा और कौन बचेगा?
कार्रवाई होगी:
- जिनके पास कोई वैध मेडिकल रजिस्ट्रेशन नहीं
- जो खुद को “डॉक्टर” बताकर क्लीनिक चला रहे
- फर्जी डिग्री या बोर्ड लगाकर मरीजों को गुमराह कर रहे
बचेगा वही:
- जिसने All India First Aid Council, Venkateshwara University, Capital University, Sikkim Skill University, Rojgarpur जैसे मान्यता प्राप्त संस्थानों से First Aid या CMS&ED किया हो
- जो Doctor शब्द का उपयोग नहीं कर रहा, और CMO आगरा से Health Assistant की अनुमति लेकर काम कर रहा हो
- जो दवाएं नहीं, केवल प्राथमिक उपचार तक सीमित है
CMS&ED या First Aid करने वालों के लिए सलाह:
- अपने क्लीनिक पर “डॉक्टर” लिखना तुरंत बंद करें
- बोर्ड पर “प्राथमिक चिकित्सा सेवा – स्वास्थ्य सहायक” जैसा टाइटल लगाएं
- CMHO आगरा को एक आवेदन दें – जिससे आपकी भूमिका स्पष्ट हो
- मरीज की हालत खराब हो तो 108 से रेफर करें – यही आपका कानूनी बचाव है
- अपने सर्टिफिकेट की कॉपी पर संस्थान का नाम, रजिस्ट्रेशन और कोर्स का नाम साफ दर्शाएं
क्या होगा अगर पकड़े गए?
- FIR
- जेल – 3 से 7 साल
- क्लीनिक सील
- पब्लिक इमेज खराब
- भविष्य में कोई स्वास्थ्य सेवा करने का अवसर खत्म