यादव संत कथा सुनाने आए थे लोगो ने जाति पूछकर काट दी चोटी

By Shiv

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क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के एक गांव में भागवत कथा का आयोजन चल रहा था जहाँ पर कथा सुनाने के लिए कुछ कथावाचक आए हुए थे जोकि यादव जाति के थे आयोजकों ने पहले कथावाचकों की जाति नहीं पूछी थी पर जब कथा शुरू होने के बाद यह बात सामने आई कि कथावाचक यादव जाती का है तो अचानक माहौल ही बदल गया और फिर आयोजकों और उनके साथियों ने कथावाचकों को बुरी तरह अपमानित करना शुरू कर दुया और गालियां दीं तथा लात-घूंसों से मारा और कहा कि हमें ब्राह्मण या गुप्ता चाहिए था पर तुम तो शूद्र हो तुम कथा नहीं सुना सकते हो.

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पीड़ित कथावाचकों ने बताया है कि उनके साथ बहुत गंदा बर्ताव किया गया और उनको बहुत पीटा भी गया यहाँ तक की मन न भरने पर उनकी चोटी जबरदस्ती काट दी गई और यह धार्मिक अपमान की चरम सीमा है हमारी अंगूठियां छीनी गईं और मोबाइल भी छीन लिया गया और ₹25,000 का जुर्माना भी जबरन ठोका गया और फिर उन्हें गांव से निकाल दिया गया.

वीडियो वायरल होते ही हुआ इलाके में तनाव

इस पूरी घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पूरे इलाके में एक तनाव सा फैल गया और धार्मिक संगठनों ने खुलकर इस घटना की निंदा की और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की फिर पुलिस हरकत में आई और चार आरोपियों – आशीष (21), उत्तम (19), प्रथम उर्फ मनु (24), और निक्की (30) को गिरफ्तार कर लिया गया और निक्की पर कथावाचकों की चोटी काटने का सीधा आरोप है.

पुलिस की कार्रवाई और अधिकारियों का बयान

S.S.P बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि “यह जातिगत अपमान और हिंसा का गंभीर मामला है” सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने वीडियो का संज्ञान लिया और त्वरित कार्रवाई की गई और अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), क्षेत्राधिकारी भरथना और थाना बकेवर प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों के बयान दर्ज कर लिए हैं.

जातिगत भेदभाव से गूंजा इटावा

पीड़ितों ने साफ कहा, “हमने कभी जाति नहीं छिपाई थी उन्होंने खुद ही नहीं पूछा था लेकिन जब पता चला कि हम यादव हैं तो हमें शूद्र कहकर निकाला गया और क्या धर्म और भक्ति भी अब जाति देखकर होगी. S.S.P ने वादा किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी और प्रशासन भी इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह सतर्क है.

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