11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हजारों लोगों के बीच गोरखनाथ मंदिर परिसर में योगाभ्यास करते हुए योग को भारत की ऋषि परंपरा की अमूल्य देन बताया और सीएम योगी ने कहा कि योग शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास का सशक्त माध्यम है और भारत ने आत्मकल्याण के माध्यम से विश्वकल्याण का मार्ग योग से ही प्रशस्त किया है.
योग सिर्फ कसरत नहीं बल्कि जीवन का दर्शन है
सीएम योगी ने योग को एक शारीरिक व्यायाम ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक चेतना का साधन भी बताया और उन्होंने वेदों और पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय प्राचीन ऋषि परंपरा ने योग को जिन्दा रखा और आज पूरा दुनिया वो इसे अपना रहा है कि उन्होंने कहा है कि अगर हम स्वस्थ रहेंगे तभी इच्छाओं की पूर्ति संभव है.
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गोरखनाथ मंदिर से निकला यह आध्यात्मिक संदेश
योग दिवस की पूरे देश में मची धूम
दिल्ली से लेकर उत्तर पूर्व तक और सियाचिन से अंडमान तक, योग दिवस पर भारत एक बार फिर “योगमय” हो गया है और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिल्ली में विभिन्न देशों के राजनयिकों के साथ योग किया और वहीं सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि ने करियप्पा परेड ग्राउंड में सैन्यकर्मियों संग भी योगाभ्यास किया.
जे.पी. नड्डा कहा कि योग आत्मचेतना का माध्यम है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने कहा, पिछले 10 वर्षों में योग ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में जागरूकता का नया स्तर छूआ है और उन्होंने योग को मानसिक संतुलन, तनाव प्रबंधन और आत्मबोध का प्रभावी टूल बताया है और उन्होंने यह भी जोड़ा कि “योग केवल फिजिकल ट्रेनिंग नहीं है बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने की साधना है.
आयुष मंत्रालय के योग अभियान
इस वर्ष आयुष मंत्रालय ने योग दिवस को व्यापक पहुंच पहुंचने के लिए 10 बड़े ‘सिग्नेचर इवेंट्स’ हुए हैं जैसे-
योग संगम
हरित योग
योगा अनप्लग्ड
योगा महाकुंभ
संगयोग
इन अभियानों का उद्देश्य हर वर्ग और कोने तक योग की उपयोगिता को पहुंचाना है और गोरखनाथ मंदिर से निकला यह आध्यात्मिक संदेश एक बार फिर पूरी दुनिया को यह याद दिलाता है कि योग ध्यान का नाम नहीं है और यह भारत की आत्मा से जुड़ी वह शक्ति है जिसने पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम का रास्ता दिखाया है.