UP सरकार का बड़ा ऐलान मक्का पर MSP किसानो को मिलेगा सीधा लाभ

By Shiv

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उत्तर प्रदेश के मक्का खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी राहत आ गई है अब योगी सरकार ने मक्का के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP निर्धारित कर दिया है यानी की अब आपकी मेहनत की फसल औने-पौने दाम पर नहीं बिकेगी बल्कि राज्य सरकार खुद मार्केट में आपके हक की कीमत निर्धारित करेगी और खरीद भी करेगी.

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मक्का पर MSP
UP सरकार का बड़ा ऐलान मक्का पर MSP किसानो को मिलेगा सीधा लाभ ( प्रतीकात्मक तस्वीर )

MSP कितना और कैसे मिलेगा


सरकार ने 2024-25 के लिए मक्का का MSP ₹2,225 प्रति क्विंटल तय किया है और पहले जहां किसानों को निजी व्यापारियों से ₹1,400-₹1,600 मिलते थे वहीं अब सीधा ₹2,225 का फायदा मिलने वाला है यानी सीधे-सीधे ₹600–₹800 तक का फायदा प्रति क्विंटल और 1 बीघा में औसतन 8–10 क्विंटल पैदावार होती है मतलब किसान को ₹6,000–₹8,000 का सीधा लाभ

कृषि संकल्प अभियान क्या है

योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में 1 जून से  कृषि संकल्प अभियान  प्रारंभ किया है इस अभियान का उद्देश्य है किसानों को आधुनिक बीज व मिट्टी की जांच व जैविक खाद और खेती में तकनीकी सहायता प्रदान करना है और बीडीओ और लेखपाल की देखरेख में ये अभियान चलाया रहा है हर गांव में कृषि सहायकों की तैनाती की जा रही है. और डेमो प्लॉट पर किसानों की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

MSP का लाभ कैसे मिलेगा

पंजीकरण आवश्यक है किसान को मंडी समिति या कृषि विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा और
बैंक खाता भी जोड़ना है जिससे पैसा सीधे किसान के खाते में आएगा ऑनलाइन चालान सिस्टम भी होगा अब किसी बिचौलिए की आवश्यकता ही नहीं है.
कृषि विभाग की वेबसाइट: – http://upagripardarshi.gov.in

क्या कहते हैं गाँव के किसान

हरदोई के किसान रामस्वरूप यादव कहते हैं पहले मक्का का दाम बहुत कम मिलता था सोचना पड़ता था कि बोएं या नहीं पर अब सरकार MSP दे रही है तो भरोसा बढ़ा है इस बार पूरे खेत में मक्का ही बोया है

सरकार मक्का क्यों बढ़ा रही है

उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस अब धान और गन्ना से हटाकर कम पानी में उगने वाली फसलें जैसे मक्का, बाजरा, दलहन, तिलहन पर है क्योकि मक्का की खास बात ये है कि ये कम पानी में तैयार हो जाती है और मवेशियों के लिए चारा बनती है
और बाजार में डिमांड भी बनी रहती है.

क्या ध्यान रखना जरूरी है

नई खेती की नीतियों के तहत ही MSP का लाभ सिर्फ रजिस्टर्ड किसानों को ही मिलेगा
और फसल साफ, सूखी और ग्रेडिंग के मुताबिक होनी चाहिए. सरकारी केंद्रों पर तौल और क्वालिटी चेक आवश्यक है.

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