उतर प्रदेश के बरेली जिले से आए एक हैरान करने देने वाले समाचार ने हर किसी को हैरान कर दिया है जो लोगों को जहरीले कैमिकल और स्टार्च से बने नकली रसगुल्ला के खिलाऐ जा रहा थे और ये सच्चाई तब सामने आई जब खाद्य सुरक्षा विभाग ने आंवला तहसील के गुड़गांव मुस्तकिल गांव में एक छापा लगाया जिसमें जगह-जगह अवैध डेयरी फैक्ट्री और मौके पर भारी मात्रा में नकली मिठाई और रसायनों बरामद किए गए थे.
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बिना लाइसेंस ही चल रही थी जहर की फैक्ट्री
इंस्पेक्शन में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री का संचालक रामनिवास ने किसी भी तरह का खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण भी नहीं कराया था और वह पिछले काफी समय से छेना, रसगुल्ला और अन्य डेयरी उत्पाद कैमिकल और स्टार्च के सहयोग से तैयार करके बाजार में बेच का काम कर रहा था.
प्रयोगशाला में कुछ नमूने भेजे गए हैं
और टीम ने मौके से रसगुल्ला, छेना और स्टार्च के तीन नमूने इकट्ठा कर लैब भेजे हैं शुरुआती रिपोर्ट में यह सभी पदार्थ संदिग्ध और अधोमानक पाए गए हैं.
ये कैमिकल नहीं बल्कि शरीर के लिए जहर हैं
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मिलावटी उत्पादों के लगातार सेवन से लोगों में निम्न बीमारियाँ हो सकती हैं
कैंसर
लीवर फेलियर
किडनी डैमेज
पाचन तंत्र की गड़बड़ी
एफआईआर हुई दर्ज फैक्ट्री हुई सील
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल के नेतृत्व में छापेमारी की गई और कार्रवाई के बाद फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया और संचालक रामनिवास के खिलाफ सिरौली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है वहीं फैक्ट्री में मौजूद कर्मचारी भगवान सिंह से पूछताछ अभी जारी है.
सावधानी से रहें और खुद को बचाएं
खाद्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि
बिना ब्रांडिंग या संदिग्ध मिठाई और दूध उत्पाद न खरीदें और मिठाइयों की गुणवत्ता जांचें
यदि संदेह हुआ तो नजदीकी थाने या खाद्य विभाग को इसकी जानकारी अवश्य दें.
स्वाद से समझौते का मतलब सेहत से खिलवाड़
जैसे-जैसे त्योहारी मौसम नजदीक आता जा रहा है इसी प्रकार के मिलावटी माफिया एक्टिव होने लगते हैं इसलिए सतर्क रहें और जागरूक रहें और प्रमाणित दुकानों से ही मिठाइयाँ खरीदें. ताकि खतरे को नियंत्रण किया जा सके.