7 मई का ब्लैकआउट? मॉक ड्रिल में देश तैयार करेगा जंग की स्क्रिप्ट!
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नई दिल्ली:
देश के 244 ज़िलों में 7 मई 2025 को कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिल सकता है। अचानक सायरन बजें, मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाए, पुलिस सड़कों पर भागदौड़ करती दिखे और लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया जाए — तो घबराइएगा मत! यह सब भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर होने जा रही एक ‘सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल’ का हिस्सा है।
यह अभ्यास भारत की नागरिक सुरक्षा प्रणाली की तैयारियों को परखने और उन्हें मजबूत करने के लिए किया जा रहा है, ताकि किसी भी “नई और जटिल” खतरे की स्थिति में देश सतर्क और सजग रहे।
मॉक ड्रिल क्या होती है?
मॉक ड्रिल एक पूर्व-नियोजित अभ्यास है जिसमें किसी संभावित आपात स्थिति जैसे कि युद्ध, आतंकवादी हमला, प्राकृतिक आपदा या बायोलॉजिकल खतरे की नकली स्थिति बनाई जाती है। इसका उद्देश्य यह देखना होता है कि सरकार, प्रशासन, और नागरिक ऐसी स्थिति में कितने तैयार हैं, किसका रिस्पॉन्स कितना तेज है, और किन कमियों को सुधारने की ज़रूरत है।
7 मई को क्या-क्या होगा?
👉 ब्लैकआउट और मोबाइल नेटवर्क सस्पेंशन:
कुछ जिलों में बिजली काटी जा सकती है और मोबाइल नेटवर्क कुछ समय के लिए बाधित हो सकता है।
👉 एयर रेड सायरन और इमरजेंसी अलार्म:
सायरन बजाकर यह देखा जाएगा कि कितनी जल्दी लोग रेस्पॉन्ड करते हैं और क्या वे ट्रेनिंग के अनुसार सुरक्षित स्थानों पर जाते हैं।
👉 ट्रैफिक डायवर्जन और रोड ब्लॉकेज:
शहरों और कस्बों में ट्रैफिक डायवर्जन लागू हो सकता है ताकि आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रूप से चल सकें।
👉 एवैकुएशन अभ्यास:
स्थानीय प्रशासन की ओर से जनता को पहले अनाउंसमेंट कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जाएगा।
👉 वार जैसी सिचुएशन का सिमुलेशन:
कुछ जिलों में पुलिस और अर्धसैनिक बल ‘युद्धकालीन परिस्थिति’ का आभास कराते हुए नकली हमले या गोलीबारी जैसे दृश्य तैयार कर सकते हैं।
👉 जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण:
स्कूल, कॉलेज, NCC, NSS, NYKS, होम गार्ड्स और स्वयंसेवी संस्थाएं इसमें भाग लेंगी और लोगों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देंगी।
पाकिस्तान की मिसाइल ड्रिल के बाद आया आदेश
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय पर हो रही है जब पाकिस्तान ने हाल ही में दो दिन लगातार “Exercise INDUS” के तहत मिसाइल परीक्षण किए हैं। इन घटनाओं के मद्देनज़र भारत सरकार ने सुरक्षा तंत्र को सतर्क करने और ज़मीनी स्तर तक अभ्यास कराने का निर्णय लिया।
गांव से शहर तक होगी निगरानी
गृह सचिव गोविंद मोहन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के मुख्य सचिवों और सिविल डिफेंस अधिकारियों के साथ तैयारी की समीक्षा की। ड्रिल को गांव स्तर तक आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन खुद निर्णय लेगा कि मॉक ड्रिल का समय कब और कैसे तय होगा। इसका उद्देश्य केवल प्रशिक्षण है, न कि किसी युद्ध का संकेत।
क्या करें और क्या न करें
✅ डरे नहीं, सतर्क रहें
✅ घरों में रहें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें
✅ झूठी अफवाहों से बचें
✅ बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
❌ घबराहट में इधर-उधर न भागें
❌ अघोषित जानकारी सोशल मीडिया पर साझा न करें
7 मई का दिन भारत के सुरक्षा तंत्र के लिए एक लाइव टेस्टिंग डे जैसा होगा। यह न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी का आकलन करेगा बल्कि आम नागरिकों में भी जागरूकता लाएगा। ऐसे अभ्यास भारत को भविष्य की किसी भी संकट परिस्थिति से निपटने के लिए बेहतर और तैयार बनाते हैं।
तो तैयार रहिए – यह अभ्यास है, युद्ध नहीं!
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