Ishan ka ‘Out’ ya Andaz? Umpire bhi Confuse!”

By Shiv

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आईपीएल 2025 का एक और यादगार पल क्रिकेट जगत की चर्चा में तब आया जब सनराइजर्स हैदराबाद के बल्लेबाज़ इशान किशन ने अपने ‘ब्रेन फेड’ आउट से सबको चौंका दिया। बुधवार को मुंबई इंडियंस के खिलाफ राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम, हैदराबाद में खेले गए मैच में एक ऐसा पल देखने को मिला, जिसने खेल भावना, नियमों और खिलाड़ियों की समझ पर बहस छेड़ दी।

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मैच की तीसरी ओवर की पहली गेंद पर इशान किशन ने दीपक चाहर की लेग साइड पर जाती गेंद को खेलने की कोशिश की, लेकिन बल्ले का किनारा नहीं लगा। विकेटकीपर रयान रिकेलटन ने गेंद पकड़ ली, पर न ही कोई अपील हुई और न ही मैदान पर कुछ स्पष्ट हलचल दिखी। इसके बावजूद इशान किशन बिना अपील के खुद ही पवेलियन की ओर बढ़ गए। अंपायर विनोद सेशन ने पहले गेंद को वाइड दिया, लेकिन इशान को जाते देख उन्होंने फैसला पलटते हुए उंगली खड़ी कर दी।

बाद में जब रिप्ले में अल्ट्रा ऐज दिखाया गया, तो उसमें कोई स्पाइक नहीं मिला – यानी गेंद बल्ले से नहीं टकराई थी। इस प्रकार, इशान किशन तकनीकी रूप से आउट नहीं थे, लेकिन उन्होंने खुद ही आउट मान लिया।

सेहवाग का करारा तंज: वीरेंद्र सहवाग ने अपने बिंदास अंदाज में इस पूरी घटना को ‘ब्रेन फेड’ बताते हुए कहा, “रुक तो जा भाई, अंपायर भी तो पैसे ले रहा है, उसे भी काम करने दे।” सहवाग ने कहा कि अगर गेंद बल्ले से लगती तो आत्मा की आवाज़ समझ आती, लेकिन यहां तो न अपील थी, न अंपायर का क्लियर फैसला।

सिद्धू ने दी अंपायर को दोष: दूसरी ओर, नवजोत सिंह सिद्धू ने इस घटना में अंपायर को आड़े हाथों लिया और ट्वीट किया: “मुसीबत खरीदना आसान है, लेकिन उसका किराया बहुत भारी होता है। आपने कभी देखा है कि अंपायर बिना अपील के आउट दे?”

इशान का फॉर्म बना चिंता का विषय: इशान किशन का आउट होना उनके गिरते फॉर्म को और उजागर कर गया। जहां उन्होंने सीज़न की शुरुआत में राजस्थान के खिलाफ शानदार शतक जड़ा था, वहीं उसके बाद के सात मैचों में कुल मिलाकर सिर्फ 33 रन ही बना सके हैं – औसत महज 5.5।

क्या कहता है क्रिकेट का ‘स्पिरिट’? इशान किशन को हार्दिक पंड्या ने ‘स्पिरिट ऑफ क्रिकेट’ के तहत पीठ थपथपाई, लेकिन जब सच सामने आया कि बल्ला नहीं लगा था, तो यह सवाल उठ खड़ा हुआ – क्या ये वाकई खेल भावना थी या जल्दबाज़ी का फैसला?

अब सवाल यह है कि क्या इशान किशन की यह ‘ईमानदारी’ सही थी या उन्होंने अपनी टीम को एक बड़ा विकेट गिफ्ट कर दिया? और क्या अंपायर को भी इतना जल्दबाज़ फैसला करना चाहिए था?

जो भी हो, ये IPL का एक ऐसा पल बन गया है जिसे आने वाले वक्त तक याद किया जाएगा — क्योंकि यहां बल्लेबाज़, अंपायर और क्रिकेट के नियम – तीनों ही असमंजस में नजर आए।

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